- मध्यप्रदेश में पहली बार पुलिस अधिकारी अपने हक के लिए दे रहे थे ज्ञापन-1996 से अब तक नहीं हुआ प्रमोशन
उज्जैन। पुलिस केडर में विसंगति के 27 साल से डीएसपी के प्रमोशन नहीं हुए और वह आईपीएस नहीं बन पाए। इसके चलते कई दिनों से परेशान अधिकारियों ने पूरे प्रदेश में नेताओं को ज्ञापन देने का मन बनाया था लेकिन डीजीपी और मुख्यमंत्री की तरफ से चर्चा का संदेश आ गया इसलिए अब ज्ञापन नहीं दिया जाएगा, चर्चा होगी। 1996 के बाद आईपीएस अधिकारियों की पदोन्नति नहीं हो पाई है। डीपीसी के इंतजार में 27 साल का लंबा समय बीत गया। शासन की विसंगति का परिणाम है, लंबी नौकरी के बाद भी प्रमोशन नहीं मिला है। डीएसपी की सीधी भर्ती अधिक कर ली गई थी। इस वजह से सब इंस्पेक्टर के प्रमोशन अटके हुए, जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में 1996 बैच के अधिकारी डीआईजी बन चुके हैं।
ऐसे ही एक अधिकारी उज्जैन में पदस्थ एडिशनल एसपी डॉ. इंद्रजीत बाकलवार भी हैं, जिन्हें कई सालों से प्रमोशन नहीं मिला है। उन्होंने बताया देश के अन्य राज्यों में इस केडर विसंगति पर काम हुआ और वहाँ पर हमारे साथ के जो अधिकारी हैं वह डीआईजी बन चुके हैं और आईजी भी बन चुके हैं लेकिन हम अभी तक एडिशनल एसपी पद पर ही कार्य कर रहे हैं। इसी के चलते राज्य पुलिस सेवा संगठन ने स्थानीय मंत्री, सांसद और विधायकों को ज्ञापन देने का निर्णय लिया था लेकिन डीजीपी और मुख्यमंत्री के यहाँ से हमारे संगठन को संदेश मिला है कि वह आए और इस मुद्दे पर चर्चा करें, जो भी हो वह हल निकाला जाएगा। इसी के चलते जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन नहीं दिया गया। अब एक-दो दिन में संगठन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री और डीजीपी से मिलेंगे, इसके बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा