आज है ख्यात अभिनेता उत्पल दत्त की पुण्यतिथि
अभिनेता उत्पल दत्त फिल्मों के साथ थिएटर से भी जुड़े हुए थे, वे बंगाली राजनीति पर नाटक लिखते थे। सन् 1963 में उनके लिखे कल्लोल नाटक पर खूब हंगामा हुआ, तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन्हें जेल भेज दिया और जनता चुनाव में सरकार के कदम का विरोध करते हुए सरकार ही बदल
डाली थी।
एक अभिनेता के रूप में उत्पल दत्त ने लगभग हर किरदार को निभाया। हिन्दी पर्दे पर कभी पिता तो कभी चाचा, कहीं डॉक्टर तो कहीं सेठ, कभी बुरे तो बहुत अच्छे बने उत्पल दा को दर्शक किसी भी रूप में नहीं भूल सकेंगे। उत्पल दत्त को अधिकतर एक हास्य अभिनेता के रूप में याद किया जाता है। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता उत्पल दत्त की आज पुण्यतिथि है आज के दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था। कॉमेडी फिल्मों के किंग कहे जाने वाले उत्पल दत्त का जन्म 29 मार्च 1929 में पूर्वी बंगाल के बारीसाल में हुआ था। उन्होंने अपने करियर में कई हिट और मजेदार फिल्में दीं। हिन्दी पर्दे पर कभी पिता तो कभी चाचा, कहीं डॉक्टर तो कहीं सेठ, कभी बुरे तो बहुधा अच्छे बने, उत्पल दा को दर्शक किसी भी रूप में नहीं भूल सकेंगे। उत्पल दत्त को अधिकतर एक हास्य अभिनेता के रूप में याद किया जाता है।
यह थी दत्त के हास्य से भरपूर हिट फिल्में
गोलमाल, शौकिन, रंग-बिरंगी, नरक, किसी से न कहना, पसंद अपनी अपनी, अमानुष, किराएदार, अपने पराएं, मेरा दामाद, बात बन जाए, अंगूर, साहेब, आनंद, गुड्डी, इन्कलाब, दो अनजाने, द ग्रेट गैंबलर, प्रेम विवाह, कत्र्तव्य, सदा सुहागन, उल्टा-सीधा आदि ।
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