नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर कठुआ में रविवार (25 फरवरी, 2024) को चौंकाने वाला मामला सामने आया. डीजल इंजन से चलने वाली मालगाड़ी ड्राइवर के बिना कठुआ से पंजाब के होशियारपुर जिले के एक गांव तक 80 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की. इसको लेकर रेल मंत्रालय ने जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा इसकी जांच उत्तरी रेलवे अपनी स्तर पर भी कर रहा है.
मामले की प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि मालगाड़ी के ड्राइवर और लोको पायलट रेल के कठुआ स्टेशन से पंजाब की तरफ बढ़ने के दौरान इसमें मौजूद नहीं थे. हालांकि इस दौरान किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान नहीं हुआ.
किनसे पूछताछ की जा रही है?
प्राथमिक जांच में उन सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है जो उसे समय रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी दे रहे थे. रेल मंत्रालय और उत्तरी रेलवे की अलग-अलग टीमों ने रेलवे स्टेशन कठुआ का दौरा किया और यहां पर मौजूद साक्ष्य और तथ्यों को खंगाला.
रेल को कैसे रोका गया?
सूत्रों ने बताया कि जिस जगह पर यह मालगाड़ी पटरी पर खड़ी थी वहां हल्की सी ढलान है. गाड़ी में ब्रेक न लगे होने की वजह से यह मालगाड़ी कठुआ रेलवे स्टेशन से पंजाब की तरफ दौड़ी. करीब 100 की स्पीड से 80 किलोमीटर तक की दूरी की. ट्रेन दूरी तय करने के बाद ऊंची बस्सी के पास चढ़ाई के कारण रुक गई. रेत की बोरियों की मदद से ट्रेन को सफलतापूर्वक रोक लिया गया. जम्मू के संभागीय यातायात प्रबंधक प्रतीक श्रीवास्तव ने भी बताया कि ‘प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रेन पंजाब की ओर जाते समय ढलान पर लुढ़कने लगी थी.
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