इंदौर। जनधन योजना का लाभ दिलवाने और टारगेट पूरा करने के नाम पर साथ में क्रिकेट खेलने वाले एक बैंक एजेंट ने अपने आठ साथियों से दस्तावेज लिए थे। बाद में उन्हें कहा कि खाते नहीं खुलवाए हैं, लेकिन उनमें से एक ने फार्म में अपना ई-मेल डाल दिया था। इसके चलते इंडसइंड बैंक से उसे एसएमएस आया तो पता चला कि उसके खाते में लाखों के ट्रांजेक्शन हुए हैं। इसके बाद उसने ईओडब्ल्यू में शिकायत की। अब जांच हो रही है कि यह ट्रांजेक्शन किसने और क्यों किए।
ईओडब्ल्यू से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले मूसाखेड़ी निवासी करण भावसार ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की। इसमें कहा कि वह मूसाखेड़ी में कुछ लोगों के साथ क्रिकेट खेलता है। इनमें से दो लोग इंडसइंड बैंक से जुड़े हैं, जिन्होंने कहा था कि वे उसे जनधन योजना में लाभ दिलवा देंगे। इससे उनका टारगेट भी पूरा हो जाएगा। इस तरह उन्होंने आठ लोगों से दस्तावेज लिए और खाता खोलने की बात कही। जब इन लोगों ने पासबुक और एटीएम कार्ड मांगा तो बोले कि तुम्हारा खाता नहीं खुलवाया है। कुछ से तो फार्म पर अंगूठे के निशान लगवाए थे, लेकिन जब फार्म भरे थे तो करण ने फार्म में अपना ई-मेल डाल दिया था।
एक साल बाद अचानक उसे बैंक से ई-मेल आया, जिसमें खाते की जानकारी के साथ उसके खाते में लाखों के ट्रांजेक्शन की बात पता चली। इन लोगों ने खाते तो खुलवाए थे, लेकिन मोबाइल नंबर इन लोगों के नहीं डाले थे। इसके चलते इन लोगों को खाते की जानकारी नहीं थी। इसके बाद करण बैंक पहुचा और खाता बंद करने के साथ खाते की जानकारी निकाली। इसके बाद उसने मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू में की। अब पुलिस जांच कर रही है कि आखिर खाते क्यों खुलवाए गए और उनमें लाखों के ट्रांजेक्शन किस कारण किए गए। शिकायत में बैंक से जुड़े दो और अन्य लोगों पर आरोप लगाया गया है। जांच के बाद ही खुलासा हो सकेगा कि कहीं यह जीएसटी बचाने के लिए किया गया खेल तो नहीं है और इसमें बैक के कर्मचारी तो मिले हुए नहीं हैं।
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