उज्जैन। 1 अप्रैल से सरकार ने प्रदेश में शराब पीने के लिए बने अहातों को बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे लेकर ऐलान किया था कि अब कोई भी आहतों में या खुलेआम शराब नहीं पी सकेगा, लेकिन शराब पीने वाले लोग अब शराब दुकान केआसपास की दुकानों के ओटलों और सड़कों तथा फुटपाथ पर खुलेआम शराब पी रहे हैं। इंदौरगेट की वाइन शॉप सहित शहर की ज्यादातर शराब दुकानों पर सुबह से रात तक यह नजारा आसानी से देखा जा सकता है। अहाते बंद करने के पीछे सरकार ने अपना मकसद बताया था कि लोग बाहर शराब ना पीएं और शराब पीने वाले या तो बार में जाएं या घर ले जाकर शराब पीएं। ताकी शराब पीकर होने वाले अपराधों और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। लेकिन शराबियों पर सरकार की इस सख्ती का कोई असर नजर नहीं आ रहा है और आहते बंद होने बाद ये लोग शराब दुकानों से शराब लेकर बाहर ही खुलेआम शराब पी रहे हैं। इसके अलावा इंदौर के अधिकांश ढाबे भी अवैध मदिरा पान के ठीये बन गए हैं।
शाम होते ही छलकने लगते हैं जाम
शहर की नीलगंगा, मुनि नगर, इंदौरगेट की वाइन शॉप की ही बात करें तो यहां वैसे तो दिन में ही शराबियों की चहल-पहल रहती है, लेकिन शाम होते ही वाइन शॉप के सामने और दोनों ओर सड़क और फुटपाथ पर ही शराबी नीचे या वाहनों पर ही बैठकर जाम छलकाना शुरू कर देते हैं। यहां से गुजरने से हुए लोगों इन्हें देखकर काफी असहज भी होते हैं। इन शराबियों के कारण यहां से निकलने वाली महिलाएं और लड़कियां सबसे ज्यादा डरी हुई होती हैं। यही स्थिति पूरे शहर की है, जहां पर आम लोग बुरी तरह परेशान हैं।
पुलिस रोज कर रही धरपकड़
शराब दुकानों के बाहर खुले में शराब पीने की शिकायतों के बाद पिछले 15 दिनों से लगातार पुलिस पेट्रोलिंग कर रही है। जहां भी कोई खुले में शराब पीते मिलता है तो उसे पकड़कर शराब जब्त की जाती है। ऐसे ज्यादातर लोग मजदूर वर्ग और लफंगे टाईप के होते हैं। ऐसे लोगों के कारण यहां से निकलने वाले लोग भी परेशान होते हैं और पुलिस इन्हें पकड़कर फटकार कर भगा रही है।
तरुण कुरील, नीलगंगा टीआई
चौराहे पर पुलिस चौकी
पहले शहर में कलालियां हुआ करती थी, जहां देशी शराब के शौकिन इन कलालियों में बैठकर मदिरापान किया करते थे, इस व्यवस्था को बदलकर शराब की दुकानों में ही अहाते खुलवा दिए। अब इन अहातों को ही बंद कर दिया गया है, जिससे शराबियों के लिए मदिरापान की कोई जगह नहीं बची है। यहां मदिरापान करने वाले शराबियों के घरों में भी शराब पीने की व्यवस्था नहीं होती है, ऐसे में बाग-बगीचों और सड़कों पर ही महफिलें जमाना उनकी मजबूरी बन गया है, लेकिन यह मजबूरी आम लोगों के लिए मुसिबत बनी हुई है।
आबकारी भी करता है धरपकड़
आबकारी विभाग आहते बंद करवा चुका है। इसके बाद अगर कोई खुलेआम शराब पी रहा है और हमें नजर आता है तो हम उसे भगा देते हैं, लेकिन यह मामला लॉ एंड आर्डर का है। इस पर स्थानीय पुलिस को कार्रवाई करना चाहिए। हालांकि आबकारी का दल भी धरपकड़ करने प्रतिदिन जा रहा है।
एचआर पचोरी, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
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