नई दिल्ली। 11 साल पहले आज ही के दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में तिरंगा लहराया था और करोड़ों देशवासियों को जश्न का मौका दिया था। भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में 28 सालों के लंबे इंतजार के बाद आईसीसी विश्व कप की ट्रॉफी उठाई थी। टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ खिताबी मुकाबले में गौतम की गंभीर पारी और फिर धोनी की तूफानी बल्लेबाजी के दम पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। वह दिन भारतीय क्रिकेट के सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया और भारत विश्व विजेता बना।
फाइनल से पहले भारत के लिए सेमीफाइनल मुकाबला बेहद अहम था क्योंकि यहां उसे चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से लोहा लेना था। भारत का पलड़ा पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा से भारी रहा है, लेकिन टीम इंडिया इसे हल्के में लेने की गलती नहीं करना चाहती थी। उसने ऐसा ही किया और पूरी ताकत के साथ खेली और 29 रनों से अपने पड़ोसी मुल्क को शिकस्त दी। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में अर्धशतकीय पारी खेली थी और मैन ऑफ दी मैच बने थे। लेकिन इस मैच के लिए भारतीय खिलाड़ियों ने एक बहुत बड़ी तपस्या और त्याग किया था।
सचिन ने बढ़ाया था टीम का हौसला
पूर्व क्रिकेटर और उस समय टीम का हिस्सा रहे सुरेश रैना ने अपने एक इंटरव्यू में भारतीय टीम से जुड़ी इस पूरी कहानी का खुलासा किया था। रैना ने बताया था कि टीम इंडिया ने 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को बिना खाना खाए हराया था। रैना ने बताया था कि टीम इंडिया ने 2011 विश्व कप की तैयारी दो साल पहले ही शुरू कर दी थी। उस टीम में एक से लेकर आठ नंबर तक सभी बल्लेबाजी में महारथी थे। हमारी टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरंद्र सहवाग और विराट कोहली जैसे कई शानदार बल्लेबाज़ थे। सचिन पाजी तब मेंटॉर भी थे।
पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले की बात करते हुए रैना ने कहा था, “उस मैच में बहुत ज्यादा सिक्योरिटी थी। दोनों देशों के प्रधानमंत्री भी मैच देखने आए थे। सिक्योरिटी के कारण खाना नहीं आ पाया था। तभी सचिन पाजी ने कहा कि खाना कौन खाएगा यहां पर, दो केले खाओ या जो कुछ भी खाओ और हमें पाकिस्तान को हराना है तो चलो पाकिस्तान को खाओ।”
कुछ खाए बगैर ही मैदान पर उतरी थी टीम इंडिया
रैना से पहले उस वक्त के टीम इंडिया के मैनेजर रंजीब बिस्वाल ने भी कुछ ऐसा ही किस्सा बताया था। बिस्वाल ने एक अंग्रेजी वेबसाइट के माध्यम से बताया था कि 2011 के विश्व कप के सेमीफाइनल में टीम इंडिया के खिलाड़ी बिना कुछ खाए ही मैच खेलने जा रहे थे।
बतौर बिस्वाल, “मोहाली में टीम इंडिया को पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच खेलना था जिसमें दोनों देशों के प्रधानमंत्री भी पहुंचे थे। वीआईपी की मौजूदगी की वजह से हर जगह सेना के जवान, एसपीजी, एनएसजी और सुरक्षाकर्मी लगे थे। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी और सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की वजह से टीम इंडिया की बस समय से स्टेडियम नहीं पहुंच पाई जिसकी वजह से टीम इंडिया लंच नहीं कर पाई। वहीं मैच का समय होने की वजह से सभी खिलाड़ियों ने बिना कुछ खाए ही मैदान में उतरने का फैसला किया लेकिन मैं तुरंत भागकर वीआईपी इलाके की तरफ जाकर जो भी फल मिले उन्हें ले आया और खिलाड़ियों में बांट दिया।”
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