नई दिल्ली: एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूसीसी के मुद्दे को लेकर पीएम मोदी (PM Modi) पर निशाना साधा है. उन्होंने मंगलवार (27 जून) को ट्वीट किया, “नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक, यूनिफॉर्म सिविल कोड और पसमांदा मुसलमानों पर कुछ टिप्पणी की है. लगता है मोदी जी ओबामा की नसीहत को ठीक से समझ नहीं पाए.”
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे लिखा, “मोदी जी ये बताइए कि क्या आप “हिन्दू अविभाजित परिवार” (HUF) को खत्म करेंगे? इसकी वजह से देश को हर साल 3064 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. एक तरफ आप पसमांदा मुसलमानों के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं और दूसरी तरफ आपके प्यादे उनकी मस्जिदों पर हमला कर रहे हैं, उनका रोजगार छीन रहे हैं, उनके घरों पर बुलडोजर चला रहे हैं, उनकी लिंचिंग के जरिए हत्या कर रहे हैं और उनके आरक्षण की मुखालिफत भी कर रहे हैं.”
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने मंगलवार को यूसीसी पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने भोपाल में कहा, “समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है. सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि समान नागरिक संहिता लाओ, लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग हैं.”
तीन तलाक पर कही ये बात
प्रधानमंत्री ने तीन तलाक को लेकर कहा, “जो भी तीन तलाक के पक्ष में बात करते हैं ये लोग मुस्लिम बेटियां के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं. तीन तलाक से सिर्फ बेटियों को नुकसान नहीं होता है बल्कि इससे पूरा परिवार तबाह हो जाता है. मैं समझता हूं कि मुसलमान बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटका कर कुछ लोग उन पर हमेशा अत्याचार करने की खुली छूट चाहते हैं.”
ओवैसी ने लगाया ये आरोप
एआईएमआईएम चीफ ने कहा, “आपकी सरकार ने गरीब मुसलमानों की स्कॉलरशिप खत्म कर दी. अगर पसमांदा मुसलमान का शोषण हो रहा है तो आप क्या कर रहे हैं? पसमांदा मुसलमान का वोट मांगने से पहले आपके कार्यकर्ता को घर-घर जाकर माफी मांगनी चाहिए कि आपके प्रवक्ता और विधायक ने हमारे नबी-ए-करीम की शान में गुस्ताखी की.”
“महिलाओं पर शोषण और बढ़ गया”
ओवैसी ने पीएम पर हमला जारी रखते हुए कहा, “पाकिस्तान का हवाला देते हुए मोदी जी ने कहा है के वहां तीन तलाक पर रोक है. मोदी जी को पाकिस्तान के कानून से इतनी प्रेरणा क्यों मिल रही है? आपने तो यहां तीन तलाक के खिलाफ कानून भी बना दिया, लेकिन उसका जमीनी स्तर पर कुछ फर्क नहीं पड़ा बल्कि महिलाओं पर शोषण और बढ़ गया है. हम तो हमेशा से मांग कर रहे हैं कि कानून से समाज-सुधार नहीं होगा. अगर कानून बनाना ही है तो उन मर्दों के खिलाफ बनाना चाहिए जो शादी के बाद भी अपनी पत्नी को छोड़ कर फरार हो जाते हैं.”
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