पटवारी गुटबाजी हटाने का दावा करते रहे और इधर बड़े नेताओं ने अपने पुत्रों को दिल्ली की राजनीति में भेज दिया
इंदौर। कांग्रेस की राजनीति में अब फिर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। पटवारी भले ही कांग्रेस से गुटबाजी बाहर होने की बात कह रहे हो, लेकिन बड़े नेताओं ने अपने-अपने पुत्रों को कांग्रेस की बड़ी समितियों में फिट कराना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव के बहाने वे अपने पुत्रों को प्रदेश में बड़े पदों पर बनाए रखना चाह रहे हैं।
जीतू पटवारी ने प्रदेश अध्यक्ष बनते से ही मैं नहीं हम का नारा दिया था और कहा था कि कांग्रेस में अब किसी प्रकार की गुटबाजी नहीं है, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस की समितियों की घोषणा हो रही है, उसमें दिग्विजयसिंह और कमलनाथ जैसे नेता अपने पुत्रों को फिट कर रहे हैं। कांग्रेस ने क्लस्टर बनाकर अलग-अलग राज्य इसमें शामिल किए हैं, ताकि लोकसभा चुनाव में उसकी सीटें बढ़ सके। चौथे नंबर के क्लस्टर में जयवर्धनसिंह को सदस्य बनाया गया है। इस क्ल्स्टर में अधिकतर पूर्वी राज्य रखे गए हैं। यानि जयवर्धन को राष्ट्रीय स्तर की कमेटी में फिट करवा दिया है। वहीं नकुलनाथ भी दिल्ली की राजनीति में फिट हो रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश की निर्वाचन कमेटी में भी ऐसे नेताओं को शामिल किया है जो हाल ही में विधानसभा का चुनाव हार गए हैं। वहीं राजनीतिक मामलों की कमेटी में दिग्विजयसिंह और कमलनाथ का दबदबा अभी भी कायम है। इंदौर से सज्जनसिंह वर्मा, शेख अलीम और शोभा ओझा को भी कमेटी में लिया गया है, लेकिन कई नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया है। कुल मिलाकर एक बार फिर समितियों में गुटबाजी देखने को मिल रही है।
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