इंदौर। अभी तक के चार सालों में सामने आई मलेरिया बुखार (Malaria Fever) और डेंगू (Dengue) पीडि़तों (Victims) की संख्या पर गौर किया जाए तो आंकड़े यही बोलते नजर आते हैं कि मलेरिया भिया कमजोर पड़ते नजर आ रहे हैं, वहीं डेंगू दादा पहलवान बनते जा रहे हैं। जिस तरह आज डेंगू (Dengue) का बोलबाला है, कभी मलेरिया बुखार का डंका बजता था। ठंड लगकर ऐसा बुखार चढ़ता था कि दो-तीन रजाइयां भी कम पड़ जाती थीं।
वाकई बात में दम तो है, क्योंकि इस बार कल दिनांक तक मलेरिया मरीजों (malaria patients) की संख्या सिर्फ 4 थी तो वहीं डेंगू बुखार पीडि़तों की संख्या 622 हो चुकी है, यानी शहर सहित इंदौर जिले पर मलेरिया बुखार से डेंगू बुखार लगभग 155 गुना भारी पड़ रहा है। एक ऐसा भी दौर था, जब मच्छरजनित मलेरिया बुखार का बोलबाला था। मलेरिया जिसे भी पकड़ लेता तो उस मरीज के हाथ-पांव ही नहीं, बल्कि सारा शरीर ठंडा पड़ जाता था।
डेंगू की बाढ़ में बह गया मलेरिया
स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ों के अनुसार साल 2018 से इस साल 13 अक्टूबर 2021 तक जहां मलेरिया बुखार के 109 मरीज मिले हैं तो वहीं डेंगू पीडि़तों की 4 सालाना संख्या 1422 है। यानी 4 साल के आंकड़ों के हिसाब से डेंगू मलेरिया की अपेक्षा लगभग 13 गुना भारी पड़ रहा है। ऐसा लगता है मानों डेंगू की बाढ़ में मलेरिया बह गया हो। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पिछले चार सालों से शहर साफ-सफाई, स्वच्छता के मामले में अव्वल चल रहा है, इस वजह से मलेरिया बुखार के मरीज आश्चर्यजनक तरीके से घटते जा रहे हैं।
4 साल का रिकार्ड
मलेरिया मरीज
साल मरीज
2018 52
2019 32
2020 21
2021 04
कुल 109
डेंगू पीडि़तों के आंकड़े
साल मरीज
2018 358
2019 356
2020 86
2021 622
कुल 1422
क्या अंतर है डेंगू और मलेरिया में
मलेरिया अधिकारी दौलत पटेल के अनुसार डेंगू और मलेरिया बुखार दोनों मादा, यानी फीमेल मच्छर के काटने से होते हैं। डेंगू बुखार जहां एडीज प्रजाति के फीमेल मच्छर के काटने से होता है, वहीं मलेरिया बुखार फीमेल एनाफिलिज मच्छर के काटने से होता है। डेंगू बुखार जहां वायरस से फैलता है तो वहीं मलेरिया प्रोटोजोआ परजीवी कीटाणु मच्छर के काटने से खून में मिलने की वजह से होता है। मलेरिया संबंधित व्यक्ति को बुखार, कंपकंपी लगना, पसीना आना, तेज सिरदर्द, शरीर में टूटन के साथ जी मिचलाने और उल्टी होने तक के लक्षण आते हैं। इसमें रोगी को बार-बार बुखार आता है। डेंगू बुखार में शरीर का तापमान 104 डिग्री तक चला जाता है, वहीं खून में प्लेटलेट्स घटने लगते हैं। इसके अलावा तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना, ग्रंथियों में सूजन, जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द व त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई देने लगते हैं।
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