इंदौर। भाजपा (BJP) के प्रदेश नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए कांग्रेस (Congress) ने जब सत्यनारायण पटेल के साथ शोभा ओझा को इंदौर (Indore) का प्रभारी बनाया था, तब उन्होंने यह कहते हुए दायित्व संभालने से इनकार कर दिया था कि दिल्ली (Dheli) में मेरी बहन बहुत गंभीर अवस्था में है और इस समय उसकी देखभाल मेरी पहली प्राथमिकता है। ठीक महीनेभर बाद वही शोभा ओझा इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान से हटते ही मुख्य भूमिका में आ गई हैं।
कांग्रेस की चुनावी राजनीति के सारे सूत्र अब उनके कंचनबाग स्थित निवास से ही संचालित हो रहे हैं। इन दिनों इंदौर में कंचनबाग स्थित शोभा ओझा का बंगला कांग्रेस का अघोषित चुनाव कार्यालय बना हुआ है। यहां रोज बैठकें हो रही हैं और नोटा से संबंधित रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की अगुवाई में महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष शोभा ओझा इस मामले में मुख्य भूमिका में हैं। पिछले दो दिन से यहां पर चार-पांच बैठक हो चुकी है। इन बैठकों में नोटा को लेकर सोशल मीडिया पर चलाए जाने वाले कैंपेन, एफएम रेडियो के लिए जिंगल, पोस्टर बैनर और होर्डिंग के लिए कंटेंट तैयार करने के साथ ही अलग-अलग समुदाय के लोगों से चर्चा का दौर भी चल रहा है। सोशल मीडिया के एक्सपर्ट्स के साथ ही कंटेंट तैयार करने में भी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। कांग्रेस अपने अभियान को आप आक्रामक रूप से संचालित करना चाहती है। इसी के चलते कंटेंट पर बहुत जोर दिया जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बात पहुंचाने के लिए एफएम रेडियो के अलग-अलग चैनल से रोचक जिंगल प्रसारित किया जाना है। इन्हें तैयार करने का काम कुछ विशेष लोगों को सौंपा गया है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में 50 होर्डिंग लगाने की तैयारी है। इनके लिए जो कंटेंट तैयार किया जा रहा है, वह कुछ इस तरह का रहेगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग कांग्रेस के अभियान से जुड़ सकें।
कांग्रेस 4 दिन में कुछ नहीं कर पाई
बड़े जोश के साथ लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान नोटा का उपयोग करवाने की अपील करने वाली कांग्रेस चार दिन में भी कोई मैदानी योजना नहीं बना पाई है। इसको लेकर हर दिन बड़े नेताओं की बैठक भी हो रही है, जिसमें रणनीति तैयार करने का दावा किया जा रहा है, जबकि आज से मतदान की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।
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