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    कब है अगला प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, महत्‍व व पूजा विधि

  • December 10, 2021

    नई दिल्‍ली। हिन्दू कैलेंडर के हर माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं। यह त्रयोदशी तिथि (Trayodashi date) के दिन रखा जाता है। इस समय मार्गशीर्ष मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है। इस पक्ष की त्रयोदशी तिथि आने वाली है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Mata Parvati) की पूजा करने का विधान है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष मुहूर्त में ही करने का विधान है, लेकिन समय की कमी के कारण लोग इस दिन प्रात:काल में भी पूजा कर लेते हैं। आइए जानते हैं कि दिसंबर 2021 का प्रदोष व्रत कब है और शिव पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

    प्रदोष व्रत 2021 तिथि
    पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 15 दिसंबर दिन बुधवार को देर रात 02 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है। इसका समापन 17 दिसंबर दिन शुक्रवार को प्रात: 04 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है। प्रदोष व्रत के लिए पूजा का मुहूर्त 16 दिसंबर दिन गुरुवार को प्राप्त हो रहा है। ऐसे में प्रदोष व्रत 16 दिसंबर को रखा जाएगा। इस दिन गुरुवार है, तो यह गुरु प्रदोष व्रत होगा।

    प्रदोष व्रत 2021 पूजा मुहूर्त
    यदि आप प्रदोष व्रत रखते हैं, तो आपको प्रदोष काल में शाम 05 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट के मध्य भगवान शिव (Lord Shiva) की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। यह प्रदोष व्रत के लिए पूजा मुहूर्त है, जो 02 घंटे 44 मिनट तक है।


    गुरु प्रदोष की पूजा विधि –
    मान्यता है कि गुरु प्रदोष के दिन भगवान शिव और पार्वती का व्रत और पूजन करने से संकट और शत्रु विजय आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन प्रातः काल उठ कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। दिन भर फलाहार का व्रत रखते हुए प्रदोष काल में शिव- पार्वती का पूजन (worship) करना चाहिए। प्रदोष व्रत में षोढसोपचार विधि से पूजन करने का विधान है। साथ ही इस दिन भगवान शिव रूद्राभिषेक करना भी विशेष फलदायी है। गुरु प्रदोष के दिन पूजन में शिव जी के महामृत्यंजय मंत्र का जाप करने से रोग दोष से मुक्ति तथा शत्रु विजय करने की शक्ति प्राप्त होती है।

    प्रदोष व्रत का महत्व
    गुरु प्रदोष व्रत रखने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। गुरु प्रदोष व्रत मुख्यत: महिलाएं रखती हैं। शनि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत के दिन आप अपने किसी विशेष कार्य की सिद्धि के लिए मंत्र जाप भी कर सकते हैं।

    नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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