हर माह कृष्ण पक्ष के आखिरी दिन अमावस्या (Amavasya ) होती है। वहीं हर माह के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा होती है। ये अमावस्या और पूर्णिमा चंद्रमा की घटती-बढ़ती कलाओं के कारण होती है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को शनैश्चरी अमावस्या है। 4 दिसंबर, शनिवार के दिन होने के कारण इसे शनैश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) के कहा जाएगा। धार्मिक दृष्टि से पूर्णिमा (full moon) और अमावस्या दोनों ही तिथियां महत्वपूर्ण होती हैं। शनिवार के दिन अमावस्या होने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
मान्यता है कि अगर शनिवार की अमावस्या के दिन कुछ उपाय किए जाएं, तो शनिदेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही, आपके नौकरी, बिजनेस और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं शनैश्चरी अमावस्या के दिन इन उपायों को करने से आर्थिक तंगी से मुक्ति पाई जा सकती है।
शनैश्चरी अमावस्या पर करें ये उपाय (Shani Amavasya Upay)
व्यापार में बढ़ोतरी के लिए करें ये उपाय-
अगर आप व्यापार में वृद्धि या बढ़ोतरी चाहते हैं तो शनि अमावस्या के दिन अपनी दुकान या फैक्ट्री के गेट पर घोड़े की नाल लगाएं। अगर ये नाल काले घोड़े की मिल सकती है तो बहुत ही शुभ माना जाता है।
घोड़े की नाल लगाते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि नाल का खुला मुंह नीचे की तरफ होना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से बिजनेस में तरक्की के रास्ते खुलती हैं और धीरे-धीरे सफलता (Success) हाथ लगती है।
शनिदोष दूर करने के लिए उपाय-
अगर शनिदोष (Shani Dosha) के कारण नौकरी या बिजनेस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो शनैश्चरी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि के बाद पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि दीपक की बाती पश्चिम दिशा की ओर हो। इसके बाद पीपल की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएं और ‘ऊं शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का उच्चारण करते हुए वृक्ष की परिक्रमा लगाएं। परिक्रमा लगाते समय ध्यान रखें कि हाथ में नुक्ति का प्रसाद रखें। हर परिक्रमा पर मंत्र बोलते हुए नुक्ति का दाना अर्पित करें। इसके बाद शनिदेव(Shani Dev) से क्षमा याचना करते हुए अपनी समस्याओं से मुक्ति की प्रार्थना करें।
इन चीजों का दान करें-
अमावस्या तिथि के दिन दान का विशेष महत्व बताया जाता है। कहते हैं कि शनिदेव से जुड़ी चीजों जैसे छाता, उड़द, उड़द दाल की खिचड़ी, काले तिल, सरसों का तेल आदि चीजों का दान जरूरतमंद या गरीब लोगों को करें। माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
छाया दान-
शनि अमावस्या के दिन एक पात्र में सरसों का तेल लें। उसमें एक रुपये का सिक्का डालें और फिर तेल में अपने चेहरे की छाया देखने के बाद उस तेल को दान कर दें। यह कार्य प्रत्येक शनिवार नियमित रूप से करें। शनि के अशुभ प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए यह उपाय बहुत ही कारगार है।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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