नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व(special importance) है। हर महीने में दो एकादशी तिथि पड़ती है। साल में कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। वैशाख मास (Vaishakh month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी पाप व दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन व्रत कथा का पाठ करने से एक हजार गायों के दान के बराबर पुण्य मिलता है। इस बार मोहिनी एकादशी(Mohini Ekadashi ) 12 मई 2022, गुरुवार को है। जानें मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त, महत्व व पूजा विधि(worship method)-
मोहिनी एकादशी 2022 शुभ मुहूर्त-
मोहिनी एकादशी तिथि की शुरुआत 11 मई, बुधवार को शाम 07 बजकर 31 मिनट पर होगी, जो कि 12 मई, गुरुवार को शाम 06 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, मोहिनी एकादशी 12 मई को रखा जाएगा।
मोहिनी एकादशी 2022 व्रत पारण का समय-
12 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखने वालों को 13 मई, शुक्रवार को सूर्योदय के बाद पारण करेंगे। पारण का समय सुबह 05 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 08 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। द्वादशी तिथि का समापन 13 मई को शाम 05 बजकर 42 मिनट पर होगा।
मोहिनी एकादशी का महत्व-
इस पावन दिन विधि- विधान से पूजा- अर्चना करने से समस्त पापों का नाश होता है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मोहिनी एकादशी व्रत विधि-
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद घर के मंदिर की साफ- सफाई करने के बाद घी का दीपक प्रज्वलित करें।
विष्णु भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें।
इसके बाद विष्णु भगवान (Lord Vishnu) को साफ- स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
विष्णु भगवान की आरती करें और भोग लगाएं। विष्णु भगवान के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बिना तुलसी के विष्णु भगवान भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जा सकता है।
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