नई दिल्ली। विद्या, संगीत और कला की देवी सरस्वती (Saraswati ) को समर्पित बसंत पंचमी (Basant Panachami) का त्योहार इस साल 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा. हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है. वसंत पंचमी से वसंत ऋतु (Spring season) की शुरुआत होती है. सनातन धर्म में मां सरस्वती की उपासना का विशेष महत्व है, क्योंकि ये ज्ञान की देवी हैं और ज्ञान को संसार में सभी चीजों से श्रेष्ठ कहा गया है, इस आधार पर देवी सरस्वती सभी से श्रेष्ठ हैं. मान्यता है कि बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली (Goddess Kali) का भी आशीर्वाद मिलता है. आइए जानते हैं नए साल में बसंत पंचमी की पूजा का मुहूर्त और पूजन विधि.
बसंत पचंमी 2023 मुहूर्त (Basant Panachami 2023 Muhurat)
पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी यानी माघ माह (Magh month) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 25 जनवरी 2023, दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू हो रही है. अगले दिन 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर इसका समापन होगा. उदयातिथि के अनुसार बसंत पंचमी की पूजा(worship) 26 जनवरी 2023 को की जाएगी.
बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त –
सुबह 07:07 – दोपहर 12:35 (26 जनवरी 2023)
बसंत पंचमी पूजा विधि (Basant Panachami Puja vidhi)
बसंत पंचमी का त्योहार धार्मिक दृष्टि से विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन बच्चों को अक्षर लिखवाकर शिक्षा देने की शुरुआत की जाती है. बसंत का पीला रंग समृद्धि, ऊर्जा, आशावाद का प्रतीक है. इसलिए इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा की जाती है. पीले व्यंजन बनाए जाते हैं. बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की हल्दी, केसर, पीले फूल, पीली मिठाई से पूजा की जाती है. साथ ही देवी सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना शुभ होता है. इससे बुद्धि तेज होती है.
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