नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) मंगलवार (16 जुलाई) को दिल्ली स्थित पूसा परिसर पहुंचे और यहां आयोजित कृषि अनुसंधान परिषद ICAR के 96वें स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस समारोह में शिरकत की. इस अवसर पर आयोजित की गई प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के किसानों को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि एक बार पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें ‘जय विज्ञान’ जोड़ा. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी के साथ ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और अनुसंधान’ का नारा दिया है.
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि वे खुद भी किसान हैं औज आज भी खेती करते हैं. उन्होंने कहा, “हमारे यहां खेती के जोत छोटे-छोटे हैं, अमेरिका जैसी 5-6 हजार एकड़ जमीन नहीं है. हमारे यहां सीमांत किसान हैं, जो दो-ढाई एकड़ जमीन में खेती करते हैं. ऐसे में हमें मॉडल फॉर्म बनाने की कोशिश करनी चाहिए. हम मॉडल फॉर्म का एक प्रारूप तैयार कर रहे हैं कि किसानों को क्या-क्या करना चाहिए.”
मध्य प्रदेश का जिक्र करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “आज मैं मध्य प्रदेश के अनुभव से कह सकता हूं. एमपी बीमारू राज्य हुआ करता था. जब मुख्यमंत्री बन कर आया था तो हमारा कुल बजट 21 हजार करोड़ का हुआ करता था, लेकिन मुझे लगा कि बाकी चीजें तोचलती रहेंगी लेकिन अगर कृषि के क्षेत्र में क्रांति कर दी जाए तो यह भी विकसित राज्य बन जाएगा. ”
कृषि मंत्री ने कहा, “एक बात साफ है कि आज भी देश की आधी आबादी अपनी आजीविका के लिए किसानी पर निर्भर है. कृषि भारतीय अर्थ व्यवस्था की रीढ़ और आत्मा है और किसान उसके प्राण हैं. कृषि मंत्री के रूप में मैं ये मानता हूं कि किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा जैसी है. इसी भाव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काम कर रहे हैं. किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा और पूरा किया.”
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