उच्च स्तरीय समिति गठित करने के साथ प्रशासन शिविर लगाकर दिलवाएगा कब्जे
मामला चर्चित लसूडिय़ामोरी की कॉलोनी प्रिंसेस इस्टेट का, एक दर्जन पीडि़तों को कर डाली डबल रजिस्ट्री, नक्शा और बंटांकन का भी विवाद
इंदौर। विवादित और चर्चित (controversial and popular) लसूडिय़ामोरी (Lasudiamori) की कालोनी प्रिंसेस इस्टेट (Princess Estate) में कल सुबह एक बार फिर जमीन (land) पर कब्जा (occupy) करने के प्रयास बंदूकधारी तत्वों ने किए। मगर जैसे ही भूखंड पीडि़तों को इसकी भनक लगी वे मौके पर पहुंचे। वहीं लसूडिय़ा थाने पर इसकी लिखित शिकायत भी दर्ज करवा दी। इसके चलते थोड़ी देर बाद पुलिस (Police) भी आ गई और कब्जे का प्रयास रूकवाया। वहीं कलेक्टर आशीष सिंह ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच समिति भी गठित कर
दी है।
एमआर-11 स्थित प्रिंसेस इस्टेट के एक हजार से अधिक भूखंडधारक २५ साल से परेशान हो रहे हैं। ना तो कॉलोनी का विकास हुआ और ना कई पीडि़तों को कब्जे मिले और ना वे अपना घर बना सके। दूसरी तरफ कई मर्तबा इस जमीन पर अवैध कब्जे के भी प्रयास होते रहे। कॉलोनी के रहवासी संघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र पंढरीवाल ने बताया कि कल सुबह कुछ लोग जेसीबी मशीन लेकर आ गए और प्लॉटधारकों द्वारा लगाए गए सीमेंट के खम्भे और फेंसिंग को तोडक़र कब्जे का प्रयास किया और उनके साथ बंदूकधारी तत्व भी मौजूद थे। मौके पर पहुंचे पीडि़तों को धमकाने का भी प्रयास किया गया। मगर इन पीडि़तों ने मौके के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिए और थाने पर भी शिकायत कर दी, जिसके चलते थोड़ी देर बाद पुलिस भी पहुंच गई। इधर कलेक्टर आशीष सिंह को भी इस मामले की जानकारी लगी। उन्होंने तुरंत ही उच्च स्तरीय समिति गठित करने के साथ शिविर लगाकर कब्जे दिलवाने के भी निर्देश दे दिए। श्री सिंह ने संयुक्त कलेक्टर सुश्री रोशनी वर्धमान की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय गठित समिति के द्वारा जांच की गई ।जिसमें सभी शिकायतकर्ताओं की शिकायतों का प्राथमिकता से परीक्षण किया गया ।जहां कुछ व्यक्तियों के द्वारा दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए जिन्हें रजिस्ट्री होने के बावजूद भी मौके पर कब्जा प्राप्त नही हो पा रहा है।
झगड़े की जड़ खसरा नम्बर 270… कॉलोनी में कट गई कॉलोनी
कलेक्टर द्वारा पूर्व में भी शिकायत की जांच करवाई गई थी, जिसमें पता चला कि एक दर्जन लोग ऐसे हैं जिनको एक ही प्लाट की डबल रजिस्ट्रियां कर दी गई और नक्शा बटांकन का भी विवाद है। दरअसल खसरा नम्बर 270 को लेकर ही लम्बे समय से विवाद चल रहा है, जिसके कई बटांकन हो चुके हैं। 270/2 की जमीन किसान यशवंत सिंह की थी, जिसने फैनी कंस्ट्रक्शन कम्पनी, जिसके कर्ताधर्ता अरुण डागरिया और महेन्द्र जैन हैं, को बेची और मौके पर इन्होंने प्रिंसेस इस्टेट कालोनी काटी। 36 भूखंड इस विवादित खसरे पर आ रहे हैं। जिनके पास रजिस्ट्री नामांतरण, ऋण पुस्तिका के साथ कॉलोनी के नक्शे पर भी भूखंड अंकित हैं। मगर कुछ रसूखदारों ने बाद में यह जमीन खरीद ली और आधे हिस्से में कॉलोनी के अंदर एक नई कॉलोनी डेनमार्क सिटी भी बस गई। जबकि खसरा नम्बर 270/1/5 के मालिक, अशोक, संजय गुप्ता व अन्य बताए जाते हैं। भूखंड पीडि़तों का यह भी आरोप है कि तत्कालीन पटवारी संजय श्रीवास्तव ने गलत चिन्हांकन और बटांकन कर पीडि़तों के भूखंडों पर कब्जा करवा दिया, जिसके चलते यह विवाद सुलझ ही नहीं पाया।
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