गाजीपुर (Ghazipur)। पूर्वांचल के बड़े माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Don Mukhtar Ansari) की कहानी खत्म हो चुकी है। 60 साल के मुख्तार पर 60 से ज्यादा केस दर्ज थे जिनमें 8 मुकदमों में उसे सजा हो चुकी थी। 19 साल से यूपी और पंजाब की जेल (Jails of UP and Punjab) दर जेल भटक रहे मुख्तार के नाम से भले लोग खौफ खाते हों लेकिन मौत का डर उसे भी बराबर था। मौत का ऐसा खौफ कि जेल के अंदर भी मुख्तार अंसारी बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर बैरक से बाहर निकलता था। 1996 से 2022 तक पांच टर्म लगातार मऊ विधानसभा सीट से विधायक रहे अंसारी को जेल के अंदर भी तमाम सुविधाएं और सुरक्षा मिल रही थीं लेकिन खून का बदला खून से लेने वालों को भी अपना खून बहने का डर तो रहता है।
प्रशासन को मुख्तार अंसारी के बैरक में रेड मारने पर मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड तो मिले ही, साथ ही मिला बुलेटप्रूफ जैकेट। तब राज खुला कि जेल के अंदर भी मुख्तार अंसारी जब भी बैरक से बाहर जाता था तो हत्या के डर से बुलेटप्रूफ जैकेट पहन लेता था। इन बरामदगियों के लिए भी मुख्तार पर एक और केस दर्ज हो गया जो आगरा की अदालत में पिछले 25 साल से चल रहा है। केस के 25 गवाह में 17 की गवाही भी हो चुकी है। अगले महीने केस की अगली तारीख है लेकिन मुख्तार की मौत के बाद इस केस समेत 53 केस में उसका इंसाफ बाकी रह गया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved