काठमांडू। चीन ने श्रीलंका को अपने जाल में फंसाने और उसके क्षेत्र में घुसपैठ करके भारत की घेराबंदी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, मगर जब जब उसे कोलंबो में कामयाबी नहीं मिली तो अब वह नेपाल में नई चाल चलने में लग गया है। नेपाल और भारत की दोस्ती में दरार लाने के लिए चीन वर्षों से प्रयास करता रहा है, लेकिन उसे बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई है। इसके बावजूद वह अपनी हरकतों को जारी रखे है। इस दौरान चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइडोंग नेपाल में हैं। उन्होंने बुधवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों, आपसी हितों से जुड़े मुद्दों और साझा चिंताओं पर चर्चा की।
राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, बैठक के दौरान राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि नेपाल और चीन के बीच महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक विकास साझेदारी रही है तथा उन्होंने सात दशकों से नेपाल की विकास योजनाओं में हमेशा योगदान दिया है। पौडेल ने यह भी कहा कि नेपाल 2026 में अल्प विकसित देशों की श्रेणी से बाहर निकलने की योजना बना रहा है और उनका मानना है कि उत्तरी पड़ोसी देश नेपाल को उसके बाद भी सहायता देना जारी रखेगा। तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर आए सुन ने उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ से भी मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों एवं सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। विदेश मंत्री श्रेष्ठ ने कहा कि चीन लंबे समय से विभिन्न क्षेत्रों में नेपाल को समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहा, “विकास के विभिन्न क्षेत्रों में चीन की ओर से नेपाल को लगातार समर्थन मिलता रहा है।”
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