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    अरविंद केजरीवाल जेल गए तो पत्नी सुनीता ने संभाला मैदान, जानें क्या हैं इस संदेश के सियासी मायने

  • March 23, 2024

    नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के शराब घोटाले में जेल जाने के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल (Wife Sunita Kejriwal) मैदान में कूद पड़ी हैं। अरविंद केजरीवाल ने जेल से जनता के लिए अपना संदेश अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के माध्यम से ही सुनाया है। इस संदेश में उन्होंने जल्द जेल से बाहर आने का भरोसा दिखाया है। साथ ही, आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) कार्यकर्ताओं से दिल्ली सरकार की योजनाओं को आगे चालू रखने की बात भी कही है। लेकिन जिस तरह उन्होंने अपना संदेश देने के लिए किसी दूसरे नेता की बजाय अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को चुना है, उससे यह संकेत मिल गए हैं कि यदि अरविंद केजरीवाल को जेल जाने के कारण इस्तीफा देना पड़ता है, तो मुख्यमंत्री पद पर सुनीता केजरीवाल ही उनकी पहली पसंद हो सकती हैं।

    सुनीता केजरीवाल अरविंद केजरीवाल की पहली पसंद क्यों बन रही हैं, इसके कुछ ठोस कारण हो सकते हैं। आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल के जेल जाने की घटना का भावनात्मक लाभ लेना चाहेगी। यदि सुनीता केजरीवाल इस समय जनता के बीच जाती हैं और अपने पति के विषय में बात करती हैं, तो इससे लोगों की सहानुभूति मिल सकती है। आम आदमी पार्टी इस रणनीति का बखूबी लाभ उठाना चाहेगी। जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने जेल से अपना पहला संदेश सुनीता केजरीवाल के माध्यम से भेजा है, उससे भी यही लाभ लेने की कोशिश की जा रही है।


    दूसरी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के अलावा किसी दूसरे को अपना नेता नहीं मानते। यदि किसी दूसरे को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी जाती है, तो इससे पार्टी के ही कुछ नेताओं-कार्यकर्ताओं के उसके खिलाफ होने की संभावना बन सकती है, पार्टी में अलग-अलग धड़े बनकर बगावत वाली स्थिति भी बन सकती है, जबकि अरविंद केजरीवाल की पत्नी होने के कारण सुनीता केजरीवाल के खिलाफ कोई नहीं जाएगा। चूंकि कार्यकर्ता भी उन्हें अरविंद केजरीवाल से ही जोड़कर देखते हैं, लिहाजा वे उनके आदेशों को भी अरविंद केजरीवाल की तरह ही मानेंगे।

    राजनीतिक विश्लेषक विवेक सिंह ने अमर उजाला से कहा कि यदि सुनीता केजरीवाल अरविंद केजरीवाल के बचाव में उतरती हैं, तो आम आदमी पार्टी को सहानुभूति का लाभ मिल सकता है। महिला होने के कारण महिला मतदाताओं के बीच उनकी बात ज्यादा संवेदनशीलता के साथ सुनी जा सकती है। आज भी जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने सुनीता केजरीवाल के बहाने महिलाओं को एक-एक हजार रुपये दिए जाने की बात कही है, उससे भी यह स्पष्ट हो गया है कि अरविंद केजरीवाल आसानी से हार नहीं मानने वाले हैं। वे जेल से ही सुनीता केजरीवाल के सहारे अपनी राजनीति को आगे बढ़ाएंगे।

    विवेक सिंह ने कहा कि भाजपा के लिए भी किसी महिला नेता के खिलाफ कोई टिप्पणी करना आसान नहीं होगा। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी पर नकारात्मक टिप्पणी कर पार्टी इसका नुकसान उठा चुकी है। ऐसे में वह वही गलती दिल्ली में भी नहीं करना चाहेगी। लेकिन भाजपा यह दांव अवश्य़ खेल सकती है कि शराब के कारण जिन महिलाओं के परिवार बर्बाद हुए हैं, उन्हें सामने रखकर वह केजरीवाल को शराब घोटाले और गली-गली में शराब की दुकानें खुलवाने का दोषी ठहरा सकती है।

    बिहार का अनुभव बताता है कि शराब के खिलाफ चलाई गई कोई भी मुहिम किसी भी पार्टी के लिए लाभकारी साबित होती है। विशेषकर महिलाओं के लिए यह मुद्दा बहुत आकर्षक हो सकता है। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल किस तरह सुनीता केजरीवाल को सामने रखकर सहानुभूति का लाभ उठाने की कोशिश करती है और किस तरह भाजपा इसका मुकाबला करती है।

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