नई दिल्ली। हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। दुनिया के तमाम देश योग के महत्व को समझते हुए योग दिवस को मनाते हैं। योग का अभ्यास शरीर और मस्तिष्क की सेहत के लिए फायदेमंद है। योग शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति भी देता है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योग होता आ रहा है। योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जो अब विदेशों में भी फैल गया है। योग के विदेशों में प्रसारित करने का श्रेय हमारे योग गुरुओं को जाता है, जिन्होंने विदेशी जमीन पर योग की उपयोगिता और महत्व के बारे में बताया। लेकिन क्या आपको पता है कि हर साल योग दिवस मनाने की शुरुआत कब से और कैसे हुई?
योग दिवस की शुरुआत
आज विश्व भर में लोग स्वस्थ रहने के लिए योगाभ्यास कर रहे हैं। योग का महत्व कोरोना काल में और अधिक बढ़ गया। जब कोविड लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकल सकते थे। जिम बंद हो गए थे तब लोगों ने मन को शांत रखने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए घर पर ही योगाभ्यास किया। लेकिन इस दिन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत साल 2015 में हुई। जब पहली बार पूरी दुनिया में योग दिवस एक साथ मनाया गया।
योग दिवस पहली बार कब मनाया गया
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त महासभा में दुनियाभर में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया। महज तीन महीने के अंदर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया गया। अगले ही साल 2015 में पहली बार विश्व योग दिवस दुनिया भर में मनाया गया।
21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस
साल 2015 में 21 जून को योग दिवस मनाने का फैसला लिया गया। सवाल है कि 21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे एक खास वजह है। 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। माना जाता है कि सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए फायदेमंद है। इसी वजह से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा।
योग दिवस पर भारत का रिकाॅर्ड
संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद 21 जून को 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस साल करीब 35 हजार से ज्यादा लोगों ने दिल्ली के राजपथ पर योगासन किया। खास बात रही कि इनमें 84 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे और 21 योगासनों का अभ्यास किया गया। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड था। भारत में योग दिवस पर हुए इतने बड़े आयोजन को लेकर दो रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज किए गए। जिसमें पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों का साथ में योग करना था और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के प्रतिनिधियों का एक साथ इस समारोह में हिस्सा लेना था।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम
साल 2022 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम Yoga For Humanity है, जिसका अर्थ है मानवता के लिए योग। इस थीम के साथ दुनियाभर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाएगा।
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