मुंबई। बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा रानी मुखर्जी (Rani Mukherji) आज रविवार (21 मार्च) को अपना 43वां जन्मदिन मना रही हैं। रानी का जन्म 21 मार्च 1978 को एक बंगाली परिवार में हुआ था। रानी मुखर्जी ने अपने दम पर अपने लिए बॉलीवुड में बड़ा मुकाम बनाया है, लेकिन उनके लिए उनकी आवाज के चलते ये बिलकुल भी आसान नहीं था। जन्मदिन के खास मौके पर हम आपको बताते हैं रानी मुखर्जी के शुरुआती दौर के संघर्ष के बारे में।
आज रानी मुखर्जी सिर्फ अपनी दमदार एक्टिंग ही नहीं बल्कि अपनी आवाज के लिए भी जानी जाती हैं। उनके शुरुआती वक्त में ऐसा कहा जाता था कि उनकी आवाज़ आदर्श अभिनत्रियों की तरह पतली नहीं है। ऐसे में फिल्म ‘गुलाम’ में उनकी आवाज डब की गई थी। खुद रानी मुखर्जी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘गुलाम’ में आमिर खान, निर्देशक विक्रम भट्ट और निर्माता मुकेश भट्ट को लगा की उनकी असल आवाज किरदार को शोभा नहीं दे रही है इसलिए उनके किरदार की आवाज डब करवाई गई थी।
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फिल्म गुलाम के साथ ही रानी मुखर्जी करण जौहर की फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ में साथ-साथ काम कर रही थीं। चूंकि रानी की पहली फिल्म में ही उनकी आवाज को डब किया गया था तो रानी से करण जौहर ने कहा था कि वो उनकी आवाज को डब नहीं करेंगे और उनकी ओरिजिनल आवाज का ही इस्तेमाल करेंगे।
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बीबीसी से बातचीत के दौरान रानी ने कहा था, ‘करण नए निर्देशक थे वो मेरे किरदार की आवाज किसी और से डब करवा सकते थे पर उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और कहा की मेरी आवाज मेरी आत्मा है। उनका ये विश्वास मेरे लिए आगे चलकर मेरी हिम्मत बनी।’
रानी मुखर्जी ने इंटरव्यू में आगे कहा था, ”कुछ-कुछ होता है देखने के बाद आमिर खान ने मुझे फोन किया और मुझसे माफी मांगी और कहा की मुझे विश्वास नहीं था की तुम्हारी आवाज फिल्म के लिए सही है पर फिल्म देखने के बाद मैं शब्द वापस लेता हूं। तुम्हारी आवाज अच्छी है।’
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