नई दिल्ली (New Delhi) । जनता दल युनाइटेड (JDU) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष (Former National President) और बिहार के पुराने समाजवादी नेता शरद यादव (Sharad Yadav) का गुरुवार की रात निधन हो गया। वह 75 साल के थे। उनकी बेटी ने सुभाषिनी यादव ने फेसबुक पोस्ट के जरिए पिता के निधन की जानकारी दी। शरद यादव ने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) से उनकी दुश्मनी ने खूब सुर्खियां बटोरी। दिल्ली के तुगलक रोड स्थित 7 नंबर बंगले में 22 साल तक जीवन बिताने के बाद उन्हें इसे खाली करना पड़ गया था।
2015 में जब बीजेपी के खिलाफ आरजेडी और कांग्रेस (RJD and Congress) के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन बनाया तो शरद यादव को इसका सूत्रधार माना गया। बाद में नीतीश कुमार ने जब फिर बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया तो शरद यादव उनके इस फैसले से खुश नहीं थे। बाद में वे जेडीयू से खुद को अलग कर लिया और एक अलग पार्टी बना ली, जिसका की राष्ट्रीय जनता दल में विलय हो गया।
शरद यादव की पार्टी का आरजेडी में विलय होने पर जेडीयू नेताओं ने खूब तंज कसा था। जेडीयू नेताओं ने तब कहा था, ”ये वही शरद यादव हैं, जिन्होंने लालू यादव को सजा होने पर खुशी जाहिर की थी। कहा था कि भ्रष्टाचारियों के लिए यह फैसला सबक है। उनकी नजर में लालू यादव भ्रष्टाचारी हैं तो पार्टी का विलय क्यों? देखना है तेजस्वी यादव अपने पिता को भ्रष्ट कहने वाले को क्या इनाम देते हैं। वाह समाजवाद!”
आपको बता दें कि 31 मई 2022 को शरद यादव ने बतौर केंद्रीय मंत्री और सांसद के रूप में 22 साल बिताने के बाद 7 तुगलक रोड वाल बंगला खाली कर दिया। आवास खाली करने के बाद उन्होंने कहा था, “समय आता है और चला जाता है। मैं 50 साल से लुटियंस जोन में हूं। मैं 7 तुगलक रोड पर 22 साल से हूं। समय बदलता रहता है।” वादा करने के बावजूद राजद ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा। इसके बारे में पूछे जाने पर शरद यादव का दर्द झलका था। उन्होंने कहा था कि बेहतर यही है कि अब कहानी को पीछे छोड़ दिया जाए, क्योंकि हर जगह राज्यसभा के टिकट तय हो गए हैं.
उन्होंने कहा था, “मैंने अपने पूरे जीवन में संघर्ष किया है। मैंने नैतिक आधार पर तीन बार संसद से इस्तीफा दिया है। कितने नेताओं ने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसा किया है?” शरद यादव ने कहा था, “मैंने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं। मैंने एक नहीं कई चुनाव देखे हैं। मैं इस लुटियंस में 50 साल से हूं, लुटियंस दिल्ली में आज मेरा आखिरी दिन है। समय बदला तो फिर यहां लौटूंगा।”
आपको बता दें कि शरद यादव 2000 से 7 तुगलक रोड बंगले में रह रहे थे, जब वह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री बने थे। राजद द्वारा राज्यसभा में भेजने से मना करने के बाद शरद यादव ने बंगला खाली कर दिया था।
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