- निर्यात पर 4 हजार विदेशी मेहमानों के साथ होगी बात
भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों के लिए खुशी की खबर है। प्रदेश के गेहूं और चावल का निर्यात अब बढ़ सकता है। इसके लिए प्रदेश सरकार खुद दुनियाभर मेें ब्रांडिंग कर रही है। इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन और इंवेस्टर्स समिट में भी प्रदेश के गेहूं और चावल की खासियत बताई जाएगी। यही कारण है कि एनआरआई और इंवेस्टर्स के बीच यहां निर्यातकों को भी बैठक के लिए बुलाया गया है। निर्यात बढ़ते ही प्रदेश के गेहूं,चावल उत्पादक किसानों की चांदी हो सकती है।
इंदौर में 8 से 10 जनवरी तक 17वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। यहां ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट भी आयोजित की गई है। यहां आ रहे करीब 4 हजार एनआरआई और निवेशकों से बातचीत के बाद प्रदेश में बड़ी संख्या में उद्योग लगने और युवाओं के लिए रोजगार का रास्ता खुलने की उम्मीद है।
दोनों कार्यक्रमों में एमपी के बासमती चावल और शरबती गेहूं की ब्रांडिंग की जाएगी- प्रवासी भारतीय सम्मेलन का 8 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुभारंभ करेंगे। इसमें दो देशों के राष्ट्रपति शामिल होंगे और चार देशों के मंत्री भी आएंगे। इसके बाद 11 जनवरी से ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट होगी जिसमें 70 देशों के उद्योगपतियों के साथ 30 देशों के डिप्लोमेटस भी आएंगे। समिट के लिए 6652 उद्योगपतियों का पंजीयन किया जा चुका है। इन दोनों कार्यक्रमों में एमपी के बासमती चावल और शरबती गेहूं की ब्रांडिंग की जाएगी।
राज्य सरकार की मंशा इन दोनों महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में प्रदेश की विशेषताओं को सामने लाने की है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में एमपी के मोटे अनाज की विशेषताओं से अवगत कराया जाएगा। इसमें विशेष तौर पर शरबती गेहूं और बासमती चावल का निर्यात पर बल दिया जाएगा। यही कारण है कि सम्मेलन में बेहद व्यस्त कार्यक्रम में भी एक बायर-सेलर सत्र भी रखा गया है जिसमें निर्यातकों को भी बुलाया गया है। स्वयं सीएम शिवराजसिंह चौहान इस सत्र में शामिल रहेंगे। निर्यात बढऩे पर गेहूं, चावल की कीमत अच्छी मिलेगी जिससे किसानों की कमाई बढऩे की भी उम्मीद है।