इंदौर। मायाखेड़ी (Mayakhedi) में ओमेक्स सिटी (Omaxe City) के पीछे वर्षों पुराने तालाब (Pond) की जमीन पर कब्जा हो गया था और जमीन के कुछ हिस्सों पर गेहूं, चने (Wheat and gram) बो दिए गए थे। जब निगम (Corporation) की टीम ने छानबीन की तो मामला कुछ और निकला। इसके बाद वहां से कब्जे हटाए गए और तालाब को संवारने का काम शुरू किया गया। आने वाले दिनों में क्षेत्र के कई इलाकों को जल समस्या से मुक्ति मिलेगी।
नगर निगम द्वारा शहर के कई तालाबों का बारिश के पहले गहरीकरण करने के साथ-साथ उन्हें संवारने का काम शुरू किया गया है, इनमें कुछ बड़ी कंपनियों की मदद से और निगम स्तर पर यह कार्य किए जा रहे हैं। शहर में कुल 27 तालाब हैं, जिनमें से अधिकांश की हालत खस्ताहाल हो गई थी, क्योंकि आसपास के हिस्सों में लोगों द्वारा कचरा फेंके जाने और कब्जे किए जाने के चलते बारिश का पानी चैनलों के माध्यम से तालाबों तक नहीं पहुंच पा रहा था। इसी के चलते निगम द्वारा अभियान चलाया गया और कई तालाबों को संवारने का काम किया जा रहा है। निगम अधिकारी सुनील गुप्ता और जलशक्ति मिशन के रोहित बोयत के मुताबिक ओमेक्स सिटी के पीछे मायाखेड़ी में एक हेक्टेयर का तालाब था। इस पर कब्जे बढऩे के कारण तालाब का दायरा न केवल सिकुड़ गया था, बल्कि वहां आसपास के हिस्सों में निगम मालकी की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था और वहां गेहूं, चने की फसल भी लगा दी थी। जब पूरी जमीन के रिकार्ड खंगाले गए तो मामला पकड़ में आया, उसके बाद वहां से कब्जे हटाए गए और तालाब को संवारने का काम शुरू किया गया। इसके लिए वर्कशाप विभाग से बड़े पैमाने पर जेसीबी, पोकलेन मशीनें और अन्य संसाधन लगाकर तालाब का गहरीकरण करने से लेकर तालाब का हिस्सा बढ़ाया जा रहा है, ताकि बारिश का पानी वहां पर्याप्त मात्रा में आ सके।
तालाब लबालब होने पर रिचार्ज होंगे बोरिंग
अधिकारियों के मुतबिक ओमेक्स सिटी और उसके आसपास के क्षेत्रों में जलसंकट की गंभीर स्थिति है। कई घरों के साथ-साथ निगम के बोरिंग भी भीषण गर्मी और भूजल स्तर कम होने के चलते बंद होने लगे थे। इसकी शिकायतें बड़े पैमाने पर आने लगी थीं। जब निगम टीमों ने तालाब की स्थिति देखी तो चिंताजनक थी। अब तालाब को डेवलप करने का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिससे आसपास के रहवासियों का जलसंकट दूर होगा, बल्कि भूजल स्तर में सुधार भी होगा, जिससे बोरिंग रिचार्ज होंगे।
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