नई दिल्ली। भारत में वॉट्सऐप की मुश्किलें बढ़ती हुईं नजर आ रही हैं। सरकार ने कंपनी से कहा है कि ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में किए गए हालिया बदलावों को वापस लिया जाए। सरकार का कहना है कि किसी भी तरह का एकतरफा बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वॉट्सऐप के सीईओ विल कैथकार्ट को सख्त पत्र लिख कर कहा है कि वैश्विक स्तर पर भारत में वॉट्सऐप का सबसे ज्यादा यूजर बेस है। साथ ही भारत वॉट्सऐप की सेवाओं का सबसे बड़ा बाजार है। वॉट्सऐप की सेवा शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी में प्रस्तावित बदलाव से भारतीय नागरिकों की निजता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हुईं हैं। मंत्रालय ने कहा है कि वॉट्सऐप को प्रस्तावित बदलावों को तुरंत वापस लेना चाहिए।
ये है नई पॉलिसी
फेसबुक के स्वामित्व वाले सोशल मैसेंजर प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने हाल ही में नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की थी, जिसे लेकर देश में विवाद छिड़ गया है। बड़ी संख्या में लोग इसे यूजर्स की प्राइवेसी में दखल मान रहे हैं और वॉट्सऐप छोड़कर टेलीग्राम और सिग्नल से जुड़ रहे हैं। वॉट्सऐप का कहना था कि यूजर्स जो भी कंटेंट अपलोड, सबमिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं, कंपनी उसका इस्तेमाल कहीं भी कर सकती है। कंपनी उस डेटा को शेयर भी कर सकती है। बता दें कि यह पॉलिसी 8 फरवरी 2021 से लागू होनी थी। लेकिन, विवाद बढ़ने के बाद डेडलाइन को बढ़ाकर 15 मई कर दिया गया है। पहले दावा किया गया था कि अगर यूजर इस पॉलिसी को ‘एग्री’ नहीं करता है तो वह अपने अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। हालांकि, बाद में कंपनी ने इसे ऑप्शनल बताया था।
फेसबुक-ट्विटर भी तलब
वॉट्सऐप के नई पॉलिसी विवाद के बीच सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी संसद की स्थायी समिति ने फेसबुक और ट्विटर को भी 21 जनवरी को तलब किया है। समिति इन दोनों कंपनियों के संबंधित अधिकारियों के साथ सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर चर्चा करेगी तो वहीं वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी की समीक्षा भी की जाएगी। समिति ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों को भी बुलाया है। (एजेंसी, हि.स.)
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