डेस्क: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल चरम पर है. नेता एक दूसरे पर वार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. राज्य में नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर है. ऐसे में बारामती विधानसभा सीट का चुनाव सुर्खियों में आ गया है. लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी यह सीट सबसे अधिक में चर्चा में रहेगी. यहां से एनसीपी प्रमुख अजीत पवार मैदान में उतर चुके हैं. उनके सामने उनके अपने भतीजे युगेंद्र पवार हैं.
सोमवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारामती से अर्जी दाखिल कर दी. वह सातवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. अजित पवार ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए बारामती में अर्जी दाखिल की. राष्ट्रवादी पार्टी में विभाजन के बाद शरद पवार गुट ने इस सीटे से अजीत पवार के भतीजे युगेंद्र को उम्मीदवार बनाया है. वह अजीत पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं.
नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद अजीत पवार ने कहा कि मैं बारामती में अच्छे वोटों से जीतूंगा. हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. मैंने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को लोकसभा में खड़ा करके गलती की. अब शरद पवार गुट ने युगेंद्र को विधानसभा में उतारकर वही गलती की है.
अजीत पवार ने कहा कि मैंने अपनी पत्नी को सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उतारा. यह हमारी गलती थी. इस बार उन्होंने यह गलती की है. अजीत पवार ने यह भी कहा कि अब बारामती की जनता फैसला करेगी. युगेंद्र पवार को उम्मीदवार बनाया गया है. यह उनका अधिकार है. लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. लेकिन उनसे गलती हो गई है. अजित पवार ने कहा कि अब मतदाता इस बारे में सही फैसला लेंगे.
युगेंद्र पवार ने भी बारामती विधानसभा क्षेत्र में अजित पवार के खिलाफ अर्जी दाखिल की है. युगेंद्र पवार अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं. युगेंद्र पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले ने सुनेत्रा पवार को डेढ़ लाख वोटों से हराया था. 2019 विधानसभा में अजित दादा यहां से 1 लाख 65 हजार की लीड से जीते थे. हालांकि, पार्टी टूटने के बाद उसी बारामती में लोकसभा चुनाव के दौरान सुप्रिया ताई ने 48 हजार वोटों से लीड दी थी.
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