नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी. परंपरा के मुताबिक देखें तो इस बजट में ज्यादा बड़ी घोषणाएं नहीं होनी चाहिए, लेकिन इस बार चुनाव से पहले निर्मला सीतारमण कुछ अलग रास्ता चुन सकती हैं. वैसे भी हाल में उन्होंने संकेत दिए कि बजट में सरकार का फोकस किन एरिया पर सबसे ज्यादा रहने वाला है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ दिन पहले दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में छात्रों के साथ एक बातचीत की. अपने उद्बोधन में उन्होंने बताया कि कैसे मोदी सरकार ने 2014 के बाद योजनाओं को ‘अर्जेंसी’ और ‘मिशन मोड’ में लागू किया और विकसित भारत की नींव रखी. इसी भाषण में उन्होंने संकेत दिए कि बजट में सरकार का फोकस कहां रहने वाला है.
अपने भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के बीच जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती है. इसलिए सरकार की योजनाएं इस प्रकार बनाई गई हैं कि हर किसी को उसका लाभ मिले. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को सिर्फ चार समूह में रखा है, ये हैं युवा, महिला, किसान और गरीब. सरकार की नीतियों के केंद्र में भी इन्हीं 4 समूहों को ध्यान में रखे जाने के संकेत निर्मला ने दिए हैं.
निर्मला सीतारमण ने कहा, ” युवा, महिला, अच्छे किसान जो हमें खाद्य सुरक्षा प्रदान करते हैं और बेचारे गरीब, जिन्हें अब भी ऊपर उठने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है. हमारी सारी नीतियां इनकी जिंदगी बेहतर बनाने को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं. जब इनको केंद्र में रखा जाता है, तब आपको किसी और बात पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होगी. ना तो ये देखने की कि वो किस समुदाय से है और ना ही ये कि वो किस धर्म से है. इनके दायरे में सब आ जाते हैं.”
इतना ही नहीं निर्मला ने अपने भाषण में उन सेगमेंट की ओर भी संकेत दिए जिन पर इकोनॉमिक प्वॉइंट ऑफ व्यू से सरकार का फोकस रहने वाला है. इसमें स्किल डेवलपमेंट, बेहतर कृषि तकनीक और देश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने पर हमारा जोर है.
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