रांची। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। महेंद्र सिंह धोनी ने इंस्टाग्राम में पोस्ट कर खुद के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया है। हालांकि धोनी आईपीएल खेलते रहेंगे। धोनी के क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अटकलें लगाईं जा रही हैं कि धोनी अब क्या करेंगे, लेकिन धोनी के ही मुताबिक उन्होंने संन्यास के बाद की योजना बचपन में ही बना रखी है।
दरअसल, धोनी ने श्यामली के रांची जवाहर विद्या मंदिर से 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद रांची के ही गोस्सनर कॉलेज से कॉमर्स में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, लेकिन क्रिकेट में करियर बनाने के चलते वह आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक धोनी ने साल 2008 में रांची स्थित सेंट जेवियर्स कॉलेज में वोकेशनल स्टडीज के तहत ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस कोर्स में बैचलर की डिग्री पाने के लिए (पाठ्यक्रम 2008-2011) दाखिला लिया था, लेकिन क्रिकेट में अति व्यस्तता की वजह से वो छह में से एक भी सेमेस्टर पास नहीं कर पाए।
एक बार उन्होंने छात्र-छात्राओं से मुलाकात के दौरान कहा था कि वे पढ़ाई में अच्छे नहीं थे। उन्हें दसवीं में 66 और बारहवीं में 56 प्रतिशत अंक हासिल हुए थे। धोनी ने बताया कि उन्होंने ग्यारहवीं में पहली बार क्लास बंक की थी। साथ ही वे बोर्ड परीक्षा में भी रांची से बाहर क्रिकेट खेलने जाते थे।
धोनी को इंडियन टेरिटोरियल आर्मी में नवंबर 2011 में लेफ्टिनेंट कर्नल का रैंक दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वे भविष्य में ये जिम्मेदारी निभाने को पूरी तरह से तैयार हैं। इसके जरिए उनका आर्मी में काम करने का सपना पूरा होगा। धोनी ने एक इंटरव्यू में कहा भी था कि वह बचपन से ही फौजी बनना चाहते थे। वो रांची के कैंट एरिया में अक्सर घूमने चले जाते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था, वो फौज के अफसर नहीं बन पाए और क्रिकेटर बन गए। अब चूंकि धोनी क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं और वो इंडियन टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं। अब वे भविष्य में ये जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाकर अपने बचपन का सपना पूरा कर सकते हैं।
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