नई दिल्ली: एक तरफ निर्वाचन आयोग ने पूरे देश में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान हो चुका है। देश में 7 चरणों में वोटिंग होगी, जिसका पहला चरण 19 अप्रैस से शुरू होगा। अंतिम चरण 1 मई को होगा, जिसके नतीजे 4 मई को आएंगे। इस बीच एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों ने क्या रणनीति बनाई है, जानिए?
चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है, लेकिन इन सब के बीच किसान भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसी के साथ किसानों ने अपने इरादे भी साफ कर दिए हैं कि वो पीछे हटने वाले नहीं हैं।
नहीं पीछे हटेंगे किसान
हरियाणा-पंजाब की शंभू बॉर्डर पर किसान एकजुट हैं। इस बीच किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने साफ कहा है कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होती हैं, तब तक किसान एक कदम भी पीछे नहीं लेंगे।
किसान नेता के अनुसार लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनने का तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। डल्लेवाल ने कहा कि देश में भले ही आचार संहिता लागू हो गई है पर किसी को अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाने से रोका नहीं जा सकता है।
हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर जमे किसान
आपको बता दें कि तीन कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन जब तक चला था, जब सरकार ने उनको वापस नहीं लिया। इसके बाद एक बार फिर से किसानों ने एमएसपी की मांग को लेकर आंदोलन की राह पकड़ी हुई है। जिसके लिए बीते महीने 13 फरवरी को दिल्ली चलो कूच का आह्वान किया, हालांकि हरियाण-पंजाब सीमा पर शंभू बॉर्डर से आगे किसानों को पुलिस ने नहीं बढ़ने दिया, जिसके बाद वो वहीं जमे हुए हैं। फिलहाल एक महीने से ज्यादा समय से किसान खनौरी और शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में साफ है कि लोकसभा चुनाव के बीच भी किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
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