नई दिल्ली: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) में चुनाव आयुक्त (EC) के चयन के लिए सरकार आने वाले सप्ताह की शुरुआत में जल्द ही चयन समिति की बैठक आयोजित कर सकती है. पिछले महीने EC के रूप में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद रिक्ति के बीच शनिवार को एक आश्चर्यजनक कदम में अरुण गोयल ने EC के पद से इस्तीफा दे दिया. गोयल 12 मार्च को समीक्षा यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर रवाना होने वाले थे.
बता दें कि घाटी में विधानसभा चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की 30 सितंबर की समय सीमा को देखते हुए ECI को को इस पर फैसला लेना है कि क्या जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए या नहीं. गोयल इस सप्ताह की शुरुआत में समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल भी गए थे, लेकिन यात्रा पूरी होने के बाद दिलचस्प बात यह है कि वह चार दिन पहले कोलकाता में पारंपरिक संवाददाता सम्मेलन में शामिल नहीं हुए. केवल मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने प्रेस वार्ता की और बताया कि ‘गोयल स्वास्थ्य कारणों से वहां नहीं आए.’
विपक्ष अब सवाल उठा रहा है और पूछ रहा है कि क्या एकल सदस्यीय चुनाव आयोग के साथ लोकसभा चुनाव में बराबरी का मौका मिलेगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता घोषित होने से पहले चुनाव आयोग की नियुक्तियां करती है या नहीं.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि ECI संविधान के अनुसार एकल सदस्यीय निकाय के रूप में कार्य कर सकता है, इसलिए कोई संवैधानिक संकट नहीं है. साल 2015 में भी, नसीम जैदी के CEC बनने के बाद ECI ने एक महीने से अधिक समय तक एकल सदस्यीय निकाय के रूप में कार्य किया और कुछ महीने बाद दो ईसी की नियुक्ति की गई.
गौरतलब है कि साल 2020 में अशोक लवासा ने आयोग के अंदर असंतोष के बाद EC का पद छोड़ दिया था. साल 2027 तक तक कार्यकाल के साथ राजीव कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद 2025 में गोयल CEC होते. वह केंद्र सरकार में सचिव थे और 18 नवंबर, 2022 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और अगले दिन उन्हें EC के रूप में नियुक्त किया गया. नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन याचिकाएं खारिज कर दी गईं. सरकार ने SC में गोयल के मामले का मजबूती से बचाव किया था.
मालूम हो कि सरकार ने संसद के दिसंबर सत्र में EC और CEC चयन पर एक नया कानून पारित किया – प्रधानमंत्री, विपक्षी दल के नेता और एक केंद्रीय मंत्री अब नियुक्तियों पर निर्णय लेंगे. उस कानून के तहत पहली बैठक अब होगी.
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