नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आज इतिहास रचेंगे। आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक उच्चस्तरीय खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करेंगे तो वह ऐसा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बनेंगे।
इस कार्यक्रम का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वेबसाइट पर सीधा प्रसारण किया जाएगा और यह कार्यक्रम शाम साढ़े पांच बजे आयोजित होगा। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों, सरकार के प्रमुखों और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली एवं प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों के उच्च स्तरीय विशेषज्ञों के भाग लेने की उम्मीद है। इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भाग लेंगे।
पीएम मोदी ने की राल्फ गोंजाल्विस पर हमले की निंदा
सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के प्रधान मंत्री राल्फ गोंजाल्विस पर भीषण हमले की पीएम मोदी ने निंदा की है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया- मैं सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के प्रधान मंत्री राल्फ गोंजाल्विस पर भीषण हमले की निंदा करता हूं। महामहिम, मैं आपके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। हम आज समुद्री सुरक्षा पर UNSC ओपन डिबेट में आपकी उपस्थिति को मिस करेंगे।
“I condemn the ghastly attack on Prime Minister Ralph Gonsalves of St. Vincent and the Grenadines. Excellency, I wish you quick recovery and good health. We will miss your presence at the #UNSC Open Debate on Maritime Security today,” tweets PM Modi
(file photo) pic.twitter.com/pC14pl2kAY
— ANI (@ANI) August 9, 2021
सबसे पहले समझिए UNSC क्या है?
UNSC यूनाइ़टेड नेशंस के 6 प्रमुख अंगों में से एक है। इसका काम दुनियाभर में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देकर देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रोत्साहित करना है। दरअसल 20वीं सदी के शुरुआती 5 दशकों में ही दुनिया ने दो विश्वयुद्धों की भीषण त्रासदी देखी थी। इस वजह से कई देश पूरी तरह बर्बाद हो गए थे। पूरी दुनिया में अशांति का माहौल था।
एक ऐसी संस्था की मांग उठने लगी थी जो देशों के बीच शांति और सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में काम करे। इसी के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई। सुरक्षा परिषद की पहली बैठक 17 जनवरी 1946 को हुई थी। गठन के समय सुरक्षा परिषद में 11 सदस्य थे जिसे 1965 में बढ़ाकर 15 कर दिया गया है।
कौन-कौन से देश सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं?
सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य देश हैं, जिन्हें स्थायी और अस्थायी सदस्यता दी गई है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन 5 स्थायी सदस्य हैं। स्थायी सदस्यों के पास वीटो पावर होता है। स्थायी सदस्य इसका इस्तेमाल कर किसी भी प्रस्ताव को पास होने से रोक सकते हैं।
इनके अलावा सुरक्षा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। इन अस्थायी सदस्यों का चयन क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। अफ्रीका और एशियाई देशों से 5, पूर्वी यूरोपीय देशों से 1, लेटिन अमेरिकी और कैरिबियाई देशों से 2 और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य 2 देशों का चयन किया जाता है।
भारत स्थायी सदस्य क्यों नहीं है?
भारत UNSC का स्थायी सदस्य नहीं है। भारत स्थायी सदस्य बनने के लिए काफी समय से प्रयास कर रहा है, लेकिन भारत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा चीन है। चीन हर बार अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर भारत को स्थायी सदस्य बनने से रोक देता है। चीन के अलावा फ्रांस, अमेरिका, रूस और ब्रिटेन भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने पर अपनी सहमति जता चुके हैं।
पिछले करीब 4 दशकों से UNSC के स्ट्रक्चर में बदलाव की मांग भी उठती रही है। देशों का कहना है कि UNSC में स्थायी और अस्थायी सदस्य बनने का मॉडल प्रजातांत्रिक नहीं है। स्थायी सदस्यों को विशेष शक्तियां मिली हुई हैं जो भेदभावपूर्ण है। साथ ही UNSC में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व भी कम है, लेकिन स्थायी सदस्य नहीं चाहते कि इसमें किसी तरह का बदलाव हो और किसी दूसरे देश को वीटो पावर मिले। भारत के अलावा जापान, जर्मनी और ब्राजील भी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का प्रयास कर रहे हैं।
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