नई दिल्ली। आश्विन मास(ashwin month) के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होता है। वहीं उससे एक दिन पहले यानी अमावस्या(new moon) को सभी पितृ गण विदा हो जाते हैं। जिसके बाद मां दुर्गा का आगमन होता है। कलश स्थापना के साथ पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा (Maa Durga) के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस साल शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 26 सितंबर सोमवार से हो रहा है। इस साल मां दुर्गा हाथी की सवारी पर पृथ्वी लोक में पधारेंगी। जिस दिन से नवरात्रि का प्रारंभ होता है उसी दिन के अनुसार माता अपने वाहन पर सवार होकर आती हैं। माता अपने भक्तों को एक विशेष संकेत भी देती हैं।
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता।।
एक श्लोक के अनुसार यदि नवरात्रि सोमवार (navratri monday) या रविवार से प्रारंभ होती है तो माता हाथी पर विराजमान होकर आती है। यदि नवरात्रि शनिवार या मंगलवार (saturday or tuesday) से प्रारंभ हो तो माता की सवारी घोड़ा होता है। वहीं यदि शुक्रवार और गुरुवार को नवरात्रि (Navratri) शुरू होती है तो मातारानी डोली में आती हैं। यदि बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ हो तो माता का आगमन नौका पर होता है।
हाथी की सवारी का अर्थ, अधिक वर्षा
इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। इसका अर्थ है कि इस बार वर्षा अधिक होगी। जिसके प्रभाव से चारों ओर हरियाली होगी। इससे फसलों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। इससे देश में अन्न के भंडार भरे रहेंगे। साथ ही धन-धान्य में वृद्धि होगी और संपन्नता आएगी।
हाथी पर ही होंगी मां दुर्गा विदा
वहीं इस साल शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) इसका समापन 05 अक्टूबर बुधवार के दिन हो रहा है। इस प्रकार से दिन के अनुसार माता के आगमन की सवारी तय है। वैसे ही दिन के अनुसार माता की विदाई की सवारी भी तय है। यदि मां दुर्गा बुधवार या शुक्रवार को विदा होती हैं तो उनका सवारी हाथी होती है। हाथी पर विदा होना शुभता का प्रतीक माना जाता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए है हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved