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क्या होगा तीसरा विश्व युद्ध? जानें क्‍या कहता है भारत चीन तनाव का ज्योतिषीय विश्लेषण

December 15, 2022

नई दिल्‍ली। भारत (India ) और चीन (China ) के बीच एक बार फिर सीमा विवाद बढ़ता दिख रहा है। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग में दोनों देशों के सैनिकों के बीच 9 दिसंबर 2022 को झड़प हुई है। ऐसे में इस घटना का ज्योतिष (Astrology) के माध्यम से विश्लेषण बेहद जरूरी है। दरअसल इस समय रूस यूक्रेन तनाव (russia ukraine tension) के साथ ही चीन ताइवान तनाव भी बढ़ रहा है। दूसरी ओर खाड़ी देशों में भी लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।

वैदिक ज्योतिष में शनि और गुरु बेहद प्रभावी ग्रह माने गए हैं। इनका प्रभाव देश और जनता पर सबसे अधिक पड़ता है। इसके अलावा राहु एक मायावी ग्रह है और उसके माध्यम से जनता भ्रम में आती है वहीं मंगल आक्रोश (auspicious anger) का कारक है। इस समय गोचर में राहु पाप ग्रह मंगल की राशि में विराजमान हैं जिसके कारण पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस समय गुरु मीन राशि में मार्गी है लेकिन उन पर शनि की दृष्टि है।

शनि की गति वर्तमान में कुंभ राशि (Aquarius) की ओर है और ज्योतिष के नियम के मुताबिक शनि कुछ महीनों पहले ही गोचर का फल प्रकट करने लगते हैं। वर्तमान ग्रह दशा में कुंभ में जब शनि विराजमान होंगे तो उनकी नीच की दृष्टि राहु पर होगी। वही अप्रैल के बाद गुरु भी मंगल की राशि में बैठकर गुरु चांडाल योग से पीड़ित होकर जनता को कष्ट देंगे। दरअसल 9 दिसम्बर को जो घटना हुई है वो इन आने वाली घटनाओं की परिणीति मात्र है। ग्रहों के योग से ये प्रतीत हो रहा है कि साल 2023 में ये दुनिया किसी भीषण युद्ध की गवाह बन सकती है।


अगर भारत की कुंडली से चीजों को समझें तो वृष लग्न की कुंडली में वक्री मंगल का गोचर लग्न में ही हो रहा है जिससे आगजनी,भूकंप जैसी घटना हो रही है वहीं देश की सेना पर भी खतरा मंडरा रहा है। लग्नेश शुक्र का गोचर अष्टम भाव में है जो की बेहद अशुभ है। केतु और मंगल का आपस में षडास्टक योग बना हुआ है। शुक्र का अष्टम में जाना और केतु का मंगल से शत्रु भाव में गोचर होना,मंगल पर किसी शुभ ग्रह का प्रभाव नहीं होने से सेना के ऊपर घात लगाकर हमला करने की कोशिश हुई। उस दिन चन्द्रमा भी भारत की कुंडली के मारक स्थान में गोचर कर रहा था। भारत की कुंडली में वर्तमान में राहु के बारहवें भाव में गोचर होने से बाहरी लोगों से कष्ट संभव है और गुरु के आने के बाद हो सकता है की पडोसी देशों से छोटा युद्ध हो जाए।

ऐसे में हो सकता है कि आने वाले समय में देश की सेना को बड़े हमले के लिए तैयार होना पड़े। अगर ज्योतिष के गणित से समझे तो 13 मार्च से मंगल मिथुन राशि में गोचर करेंगे जोकि भारत की कुंडली का मारक स्थान है। मंगल सेना का कारक है वही गोचर से शनि की नीच की दृष्टि राहु पर होगी और जब गुरु भी उस योग में शामिल होंगे तो मई के महीने में देश में बड़े उन्माद के योग दिखाई दे रहे है। 10 मई से मंगल की नीच राशि में गोचर होने से देश की सेना और पुलिस को बड़े खतरे का सामना करना होगा।

गुरु सिंहासन (master throne) को दर्शाता है ऐसे में देश के पीएम नरेंद्र मोदी मार्च के बाद कई ऐसे बड़े निर्णय ले सकते हैं जिससे देश में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो सकते हैं। देश की सुरक्षा की दृष्टि से सरकार को सर्तक रहना होगा। इस समय बाहरी ताकतें देश को अस्थिर करने की पूरी कोशिश करेगी और देश में बड़ा राजनीतिक संकट संभव है।

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