नई दिल्ली। निवर्तमान दिल्ली पुलिस आयुक्त (Retd Police Commissinor) एस.एन. श्रीवास्तव (SN Srivastava) ने बुधवार को कहा कि शहर की पुलिस ने लाल किले की हिंसा (Red Fort violence) के दौरान किसानों (Farmers) का विरोध कर जो किया, उसका अच्छा परिणाम (Good results) मिला। उत्तरी दिल्ली में किंग्सवे कैंप में बल को अपने विदाई भाषण में बोलते हुए, श्रीवास्तव (1985-बैच अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, भारतीय पुलिस सेवा के केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) कैडर) ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने उकसावे के बावजूद काफी संयम बरता।
श्रीवास्तव ने कहा, “हमने जो किया उसका अच्छा परिणाम मिला। मैंने अपने पुलिसकर्मियों से उकसावे का सामना करने के बावजूद संयम बरतने को कहा। उन्हें (पुलिसकर्मियों को) लाल किले पर 15 फीट से कूदना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी संयम का रास्ता नहीं छोड़ा।”
इस साल गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने के आह्वान के लिए हजारों प्रदर्शनकारियों ने एक विशाल रैली में भाग लिया था। कुछ समूहों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और पुलिस से भिड़ गए, जिन्होंने उन्हें पीछे धकेलने के लिए आंसू गैस और डंडों का इस्तेमाल किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने लाल किले में भी घुस गये, इसकी प्राचीर पर चढ़े और गुरुद्वारों के ऊपर फहराने वाले धार्मिक ध्वज निशान साहिब को फहराया था।
दिल्ली पुलिस ने इस घटना को भारत को शर्मिंदा करने के लिए एक गहरी साजिश का दावा किया और बाद में इस घटना के संबंध में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने देशद्रोह का भी आरोप लगाया। मामले में दायर चार्जशीट में अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू, सिधाना और कई अन्य लोगों के नाम थे। श्रीवास्तव ने आगे कहा कि दिल्ली पुलिस के प्रमुख के रूप में सेवा करने वाले लोग अस्थायी हैं, लेकिन बल स्थायी है।
श्रीवास्तव ने कहा, “मैं दिल्ली का 22वां पुलिस आयुक्त था। हम सभी अस्थायी हैं, हम अपना योगदान देने के बाद आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस स्थायी है। दिल्ली के लोगों को सुरक्षा और कानून व्यवस्था प्रदान करती है।” श्रीवास्तव ने चल रहे कोविड -19 महामारी पर भी चर्चा की और कहा कि दिल्ली और उसके पुलिस कर्मियों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी उनकी है।
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