डेस्क: रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे भाई बहन के अटूट रिश्ते के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन बहनें भाई के हाथों में रक्षा सूत्र बांधती हैं और आशीर्वाद देती हैं, वहीं भाई जीवनभर बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं. रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस साल ये तिथि 30 अगस्त को पड़ रही है. लेकिन इस बार पूर्णिमा तिथि के साथ-साथ भद्रा का साया भी रहेगा. भद्रा के साए में राखी बांधना शुभ नहीं माना जात. ऐसे में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 और 31 अगस्त, दोनों दिन पड़ रहा है.
भाइयों को राखी बांधने को लेकर कई नियम बताए गए हैं. इसी तरह राखी बांधने के बाद उन्हें उतारने के भी अलग नियम बताए गए हैं. दरअसल अक्सर लोग इस दुविधा में रहते हैं कि रक्षाबंधन बीतने के बाद कलाई पर सजी राखी का क्या करना चाहिए. कई लोग राखी उतारकर इधर-उधर रख देते हैं. लेकिन ऐसा करना सही नहीं माना जाता. इससे दुष्प्रभाव पड़ सकता है.
ज्योतिषों के मुताबिक रक्षाबंधन बीत जाने के बाद अगले दिन राखी उतारकर किसी ऐसी जगह रखें जहां आपकी और आपकी बहन से जुड़ी बाकी चीजें रखी हुई हैं. जैसे आप दोनों की साथ तस्वीरें, आपके खिलौने या और कुछ. इसे अगले साल रंक्षाबंधन तक संभालकर रखे. फिर अगले साल रक्षाबंधन का त्योहार आने पर इस राखी को पजल में प्रवाहित कर दें.
खंडित राखियों का क्या करें?
अगर राखी कलाई से उतारते वक्त खंडित हो जाए तो उसे संभालकर नहीं रखना चाहिए और ना ही इधर-उधर फेंकना चाहिए. उसे या तो एक रुपए के सिक्के के साथ किसी पेड़ के नीचे रख देना चाहिए या जल में प्रवाहित कर देना चाहिए.
राखी बांधने को लेकर भी कुछ नियम
क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
इस साल पूर्णिमा तिथि 30 अग्सत सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 31 अगस्त सुबह 7 बजकर 05 मिनट तर रहेगी. इसी के साथ भद्रा का साया लग जाएगा जो सुबह 10.58 से शुरू होकर रात 09.01 मिनट तक रहेगा. भद्रा के साए में राखी बांधना अशुभ माना जाता है. ऐसे में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को रात 09 बजकर 01 मिनट से लेकर 31 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक का रहेगा.
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