नई दिल्ली (New Delhi)। चंद्रयान 3 (chandrayaan 3) के चांद पर पहुंचने के बाद इसरो की चर्चा हर जगह हो रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसरो (ISRO) में साइंटिस्ट कैसे बनते हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) निरंतर विकास और सफलताओं के साथ साइंटिस्ट (scientist) के लिए एक शानदार करियर के रूप में सामने आया है।
बता दें कि ISRO में साइंटिस्ट बनना एक महत्वपूर्ण और सम्मान प्रतिष्ठा का परिचय प्रदान करता है, लेकिन इस तरफ कदम बढ़ाने के लिए कठिनाइयों और मेहनत की आवश्यकता होती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ISRO में साइंटिस्ट बनने के लिए क्या करना होता है और कैसे यह सपना पूरा किया जा सकता है।
चंद्रयान – 3, 24 अगस्त 2023 को चंद्रमा पर लैंड हुआ है. यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. इस उपलब्धि में इसरो में काम कर रहे बहुत से साइंटिस्टो का हाथ है। जिसने अपनी मेहनत और लगन के बलबूते पर यह मुकाम हासिल किया है। यह भारत के लिए गौरव और सम्मान की बात है. ऐसे में आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कि साइंटिस्ट की फैक्ट्री कैसे तैयार होती है. इसरो में काम करने के लिए किसे मौका मिलता है।
स्पेस साइंटिस्ट कैसे बने ?
इसरो में साइंटिस्ट बनने के लिए इंजीनियरिंग या साइंस का कोर्स करना होगा. आमतौर पर इसरो मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर इंजीनियरिंग में कोर्सेज या एस्ट्रोनॉमी विज्ञान, भौतिकी या गणित में पीएचडी उम्मीदवारों की भर्ती करता है. स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए योग्यता के साथ बहुत सी बातों की समझ होनी चाहिए. इसके लिए ऐसे शुरुआत होती है।
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