बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार को बने ज्यादा महीने नहीं हुए हैं, लेकिन इस कम समय में भी विधायकों के पास शिकायत का एक पिटारा तैयार हो गया है। इसी कड़ी में राज्य के 11 विधायकों की एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। उस चिट्ठी के जरिए दावा किया गया है कि कुल 20 मंत्री ठीक तरह से अपना काम नहीं कर रहे हैं, उस वजह से विधायकों को भी अपने क्षेत्र में काम करने में दिक्कत हो रही है।
अब इसे दावा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सीएम और डिप्टी सीएम ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। एक दूसरे विधायक ने चिट्ठी लिखने की बात तो मानी है, लेकिन उसका उदेश्य कुछ और बताया। ऐसे में उस विधायक की तरफ से शिकायत करने की बात हो रही है। वैसे जिस चिट्ठी की बात की जा रही है उसमें लिखा है कि लोगों के भरोसे के हिसाब से हम जमीन पर काम नहीं कर पा रहे हैं। कम से कम 20 मंत्री ऐसे हैं जो हमारी शिकायतों पर कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। इस वजह से लोगों के सपने पूरे नहीं हो पा रहे हैं। जब भी फंड की बात करते हैं तो किसी तीसरे आदमी से मैसेज भिजवा दिया जाता है।
वायरल चिट्ठी में अधिकारियों की पोस्टिंग का मुद्दा भी उठाया गया है। आरोप लगा है कि कोई भी अधिकारी विधायकों की बात नहीं सुनता है। अब इस चिट्ठी के बारे में जब सीएम सिद्धारमैया से सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कहा कि आपको ऐसा किसने कह दिया। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी सफाई देते हुए कहा कि हमने सभी मंत्रियों से कहा है कि सभी विधायकों को साथ लेकर चलें, जो हार गए, उनसे भी बात करें। हर कोई अपना काम कर रहा है। ऐसा कुछ नहीं है, बस अफवाह फैलाई जा रही है।
वैसे इस समय राज्य सरकार पर आर्थिक तनाव भी काफी ज्यादा चल रहा है। पांच सूत्रीय वादों का संकल्प पत्र जो पेश किया गया था, उसे पूरा करने के लिए फंड्स की जरूरत है। इस बारे में शिवकुमार कहते हैं कि ये बात तो स्वभाविक है कि विधायकों के कई सपने हैं, उन्होंने कई योजनाओं के बारे में सचा है। लेकिन हमने विधायकों को कहा है कि अभी थोड़ा रुक जाइए।
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