इंदौर। निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा के लिए आज दोपहर में लॉटरी निकाली जाएगी। आर्थिक रूप से कमजोर व जरूरतमंद अभिभावकों में अपने बच्चों का प्रवेश दिलाने के लिए बेसब्री से उत्सुकता बनी हुई है। वहीं इंदौर जिले में 2000 से ज्यादा विद्यार्थियों के दस्तावेज सत्यापन नहीं हो पाए। ज्यादातर दस्तावेजों में समग्र आईडी में नाम-पता गलत होना और अभिभावकों द्वारा सही जानकारी दर्ज नहीं करा पाना पाया गया। अब ऐसे आवेदनों को भोपाल के आदेश के बाद ही दूसरे चरण की लॉटरी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा या नहीं इस पर फिलहाल संशय बना हुआ है।
इंदौर जिले में नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 10135 आवेदन जिला शिक्षा केंद्र के अंतर्गत भोपाल भेजे गए थे। राज्य शिक्षा केंद्र के द्वारा जरूरतमंद व आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को आरटीई के अंतर्गत निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा के लिए प्रवेश दिलाया जा रहा है। विभागीय लचर रवैये और दस्तावेजों के सत्यापन प्रक्रिया को अभिभावक समझ नहीं पाए, जिसके चलते दो दिन पहले सोमवार तक हजारों आवेदन लॉटरी में इस कारण शामिल नहीं हो पा रहे हैं कि उनके दस्तावेजों का सही सत्यापन नहीं हो पाया। सबसे ज्यादा दिक्कत समग्र आईडी में बच्चे व स्वयं के नाम मिसमैच होने की वजह से लॉटरी से वंचित होना पड़ा। नगरीय सीमा में निगम के झोन व पंचायत स्तर पर पिछले 1 महीने से समग्र आईडी में नाम दुरुस्त कराने वालों की लंबी कतार लगी हुई है। एक तो कर्मचारी समय पर उपलब्ध नहीं होते, दूसरे तकनीकी दिक्कतें भी समग्र आईडी में केवाईसी को लेकर बनी हुई हैं, जो तत्काल दुरुस्त नहीं होती। इसके लिए 24 या 48 घंटे का इंतजार तो करना ही पड़ रहा है। इसके अलावा शासकीय छुट्टियों को भी दस्तावेज सत्यापन में देरी का कारण अभिभावक बता रहे हैं।
22 मार्च से दूसरा चरण
जिला शिक्षा केंद्र पर अधिकारी यह नहीं बता पा रहे हैं कि इंदौर जिले में कितने स्कूलों में कितनी सीटों पर प्रवेश दिया जा रहा है, जिसके चलते संशय की स्थिति बनी हुई है। वहीं दो बार समय बढ़ाने के बावजूद इंदौर जिले में 10000 अभिभावकों ने ही आवेदन किए थे। अब दूसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया 22 मार्च से शुरू होगी, जिसकी लॉटरी 28 मार्च को निकाली जाएगी।
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