श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के मकसद से पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में नियंत्रण रेखा (LOC) के पास एक कंट्रोल रूम बनाया है. खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि पाकिस्तान के हजीरा (कंट्रोल रूम) से कोटली और निकियाल इलाके से आतंकियों को घुसपैठ के लिए भेजा जा रहा है.
सूत्रों से मिले इनपुट के मुताबिक, एलओसी के पास 15 से 20 लॉन्च पैड पर 120 के करीब आतंकवादियों की मौजूदगी है, जो सिर्फ पुंछ और राजौरी में ही नहीं, बल्कि उरी सेक्टर में सीमा के उस पार भी हैं. ये भी बताया जा रहा है कि पीओके में 13 लॉन्च पैड सबसे ज्यादा खतरनाक हैं, जिनमें केल, शारदी, दुधनियाल, अथमुगम, जूरा, लीपा, पछिबन चमन, तंडपानी, नयाली, जनकोट, चकोटी, निकैल और फारवर्ड कहुता शामिल हैं.
इंटेलिजेंस के पास इस तरह के इनपुट कई महीनों से मिल रहे थे और यही वजह थी कि पिछले तीन महीनों से ज्यादा समय से भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस राजौरी और पुंछ में लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही थी. इसी दौरान सेना और पुलिस ने आतंकियों के कई ठिकानों को ध्वस्त किया और भारी हथियारों का जखीरा भी बरामद किया.
और तो और यही वजह रही कि पिछले 8 दिनों में सुरक्षाबलों ने राजौरी और पुंछ में 9 आतंकियों को ढेर किया, जिसमें पुंछ के सुरनकोट में मारे गए चार आतंकी विदेशी थे जो कि अफगानिस्तान से खास तरह की ट्रेनिंग लेकर एलओसी पार कर राजौरी और पुंछ में घुसे थे. आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है कि इन आतंकियों ने किसी भी स्थानीय समूह की मदद नहीं ली, जबकि आतंकी घुसपैठ के बाद स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद लेते हैं.
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की सुरनकोट में मरने वाले चार विदेशी आतंकी घंटों तक भूखे रहने का साहस रखने वाले थे, ताकि उन्हें जल्दी भूख भी न लगे और उनको स्थानीय लोगों की मदद भी न लेनी पड़े. इता ही नहीं, इसी वजह से वो लंबे समय तक अपने ठिकानों में रह सकते थे. ये आतंकवादी लम्बे समय से राजौरी और पुंछ में रेकी कर रहे थे और पहाड़ियों पर बने बड़े ठिकानों में रहते थे.
कहा ये भी जा रहा है कि इन आतंकियों ने पाकिस्तान में बैठे साथी आतंकियों और अपने आकाओं को भी राजौरी और पुंछ की पूरी जानकारी दी है. यही वजह है कि इनके मरते ही एलओसी पर एक और नया कंट्रोल रूम बना दिया गया, जिससे की दोनों क्षेत्रों में ज्यादा-से-ज्यादा घुसपैठ करवाई जा सके. भारतीय सेना के कमांडर का कहना है कि अगर इन चार आतंकियों को सही वक्त पर मारने में सफलता नहीं मिलती, तो किसी भी तरह का बड़ा नुकसान हो सकता था.
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