जबलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान का अफसरों ने जिस तरह से बंटाढार कर रखा है, वो बेहद निराशाजनक और शर्मसार करने वाला है। सरकारी तंत्र की सुस्ती बुजुर्गों को केन्द्र की आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने में आड़े आ रही है। जिले में दो लाख से ज्यादा बुजुर्ग आयुष्मान के लिए पात्र हैं,लेकिन सिर्फ 31 हजार 2 सौ सीनियर सिटीजन को आयुष्मान कार्ड दिए गये हैं।
तीन बार लिखे पत्र, हुआ कुछ नहीं
70 वर्ष से अधिक उम्र के हर वरिष्ठजन का आयुष्मान कार्ड बने इसके लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य विभाग के ग्राउंड वर्कर डेटा अपडेट रखें। विभागों के बीच समन्वय की कमी स्पष्ट नजर आ रही है। स्वास्थ्य विभाग तीन बार सीजीएचएस अधिकारियों को उनके कार्डधारी बुजुर्गों की सूची देने पत्र लिख चुका है,लेकिन अब तक जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। यही रवैया निगम के जिम्मेदारों का है। 6 हजार के लगभग जिन बुजुर्गों की मौत हो चुकी है, निगम की जन्म-मृत्यु शाखा से उनकी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही। विशेषज्ञों का मानना है कि डोर-टू-डोर सर्वे शुरू किया जाए तो ही सभी को आयुष्मान योजना का लाभ मिल सकता है।
क्या है कार्ड बनवाने की प्रक्रिया
बुजुर्ग एमपी ऑनलाइन सेंटर या सरकारी अस्पताल में आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा घर बैठे भी आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। आवेदन के लिए रजिस्ट्रेशन करें। इसके बाद आवेदन प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज अपलोड करें फिर ओटीपी वेरिफिकेशन करें। सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद आवेदन सबमिट करें।
वैरिफिकेशन में मुश्किलें आ रही
सीएमएचओ संजय मिश्रा ने बताया कि बुजुर्गों के बायोमैट्रिक वैरिफिकेशन में मुश्किलें आ रही हैं ,जिससे तेजी से कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। अन्य विभागों से भी डेटा मांगा है, लेकिन अब तक पूरी जानकारी नहीं आ सकी है।
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