नई दिल्ली. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का दावा है कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी बिल्कुल प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जैसे ही हैं. कांग्रेस नेता का कहना है कि दोनो नेता सिर्फ झूठे वादे करते हैं – और अडानी, महंगाई और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर एक जैसे चुप्पी साध लेते हैं.
ऐसा लगता है, राहुल गांधी का स्टैंड दिल्ली चुनाव में ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के आम आदमी पार्टी को सपोर्ट देने के बाद बदला है. पहले राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी को निशाने पर भले ही ले लेते थे लेकिन अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला करने से बचते थे. लोकसभा चुनाव के पहले से शुरू हुआ ये सिलसिला हरियाणा चुनाव तक जारी था. और, लग रहा था दिल्ली में भी वही रुख देखने को मिलेगा, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं.
अब तो राहुल गांधी अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार के नाम पर भी टार्गेट कर रहे हैं, और कांग्रेस की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित पर आम आदमी पार्टी के नेता के लगाये आरोपों की भी याद दिलाते हैं.
राहुल गांधी के भाषण का ज्यादा हिस्सा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी फोकस नजर आता है, लेकिन कोशिश पूरी होती है कि अरविंद केजरीवाल न बख्श दिये जायें. जिस तरह दिल्ली में राहुल गांधी ने केजरीवाल और मोदी को बराबर तराजू पर तौलने की कोशिश की है, ठीक ऐसे ही 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता ने ममता बनर्जी को भी मोदी के साथ कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी.
राहुल गांधी के लिए केजरीवाल और मोदी बराबर क्यों?
दिल्ली में कांग्रेस की चुनावी रणनीति करीब करीब साफ हो चुकी है. दिल्ली के सीलमपुर इलाके का चुनाव राहुल गांधी की पहली रैली के लिए किये जाने से ही कांग्रेस की चुनावी रणनीति काफी हद तक साफ हो गई थी, और राहुल गांधी के भाषण से सब कुछ साफ हो गया है.
सीलमपुर दिल्ली के मुस्लिम बहुल आबादी वाला क्षेत्र है. अब अगर ऐसे जगह कांग्रेस भी मैदान में उतरकर जोरदार कैंपेन करती है, तो नुकसान तो आम आदमी पार्टी का ही होगा – और अगर कांग्रेस जीतने में नाकाम रही, तो वोटों का बंटवारा तो कर ही देगी. मुस्लिम वोटों के बंटवारे का मतलब अरविंद केजरीवाल का नुकसान और बीजेपी को सीधा फायदा. ये चीज तो मुस्तफाबाद में खासतौर पर लागू होती है, जहां से बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट और AIMIM के ताहिर हुसैन चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अगर कांग्रेस की वजह से वोटों का बंटवारा हुआ तो बीजेपी के लिए दिल्ली में भी कुंदरकी जैसा तोहफा बीजेपी को मिलेगा.
सीलमपुर की रैली में राहुल गांधी कह रहे थे, नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि महंगाई कम करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ… महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. गरीब लोग और गरीब होते जा रहे हैं… अमीर लोग और अमीर होते जा रहे हैं… केजरीवाल आये और कहा कि दिल्ली साफ कर दूंगा, भ्रष्टाचार मिटा दूंगा, पेरिस बना दूंगा… अब हालात ऐसे हैं कि भयानक प्रदूषण है… लोग बीमार रहते हैं… लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं… जैसे, प्रधानमंत्री मोदी झूठे वादे और प्रचार करते हैं, वैसे ही झूठे वादे केजरीवाल भी करते हैं… दोनों में कोई फर्क नहीं है.
केजरीवाल और मोदी को एक साथ घेरते हुए राहुल गांधी कहते हैं, जब मैं जातिगत जनगणना की बात करता हूं, नरेंद्र मोदी और केजरीवाल के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता… क्योंकि दोनो चाहते हैं कि देश में पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को शासन-प्रशासन और संसाधनों में भागीदारी न मिले… केजरीवाल से कहिये कि वो देश के सामने कहें कि आरक्षण की सीमा बढ़ाएंगे, जातिगत जनगणना कराएंगे… हम दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनते ही जातिगत जनगणना कराएंगे.
राहुल के निशाने पर ममता और अखिलेश भी तो हैं
अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी के भाषण पर टिप्पणी न करने की बात करते हुए भी बड़ा आरोप जड़ दिया है. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि राहुल गांधी कांग्रेस को बचा रहे हैं, और वो देश बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.
अरविंद केजरीवाल ने X पर लिखा है, राहुल गांधी जी दिल्ली आए… मुझे बहुत गालियां दीं, पर मैं उनके बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा… उनकी लड़ाई कांग्रेस बचाने की है, मेरी लड़ाई देश बचाने की है. सोशल साइट एक्स पर अरविंद केजरीवाल की पोस्ट को टैग करते हुए बीजेपी नेता अमित मालवीय लिखते हैं, ‘देश की चिंता बाद में करना, अभी नई दिल्ली की सीट बचा लो.’
और फिर अरविंंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया भी उसी लहजे में आती है, क्या बात है… मैंने राहुल गांधी जी पर एक ही लाइन बोली और जवाब बीजेपी वालों से आ रहा है… बीजेपी को देखिए कितनी तकलीफ हो रही है… शायद दिल्ली का ये चुनाव कांग्रेस और बीजेपी के बीच सालों से पर्दे के पीछे चल रही जुगलबंदी पर से पर्दा हटा देगा. सीलमपुर से मिलता जुलता राहुल गांधी का भाषण 2021 के पश्चिम बंगाल चुनाव में भी सुनने को मिला था. तब राहुल गांधी ने ऐसे ही ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक जैसा बताया था.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए राहुल गांधी ने तब कहा था, ये पहला प्रदेश है जहां रोजगार के लिए कट-मनी देनी होती है… आपको नौकरी चाहिये, कोई काम चाहिये तो पहले ममता जी के लोगों को पैसे दो, तो आपका काम होगा. राहुल गांधी के भाषण में न तो ममता बनर्जी का जिक्र आया है, न ही अखिलेश यादव का – लेकिन अरविंद केजरीवाल के प्रति ताजा तल्खी तो उनके समर्थन का ही रिएक्शन लगता है.
लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में राहुल गांधी ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन किया था, एक दूसरे के उम्मीदवारों के लिए दोनो पार्टियों के नेताओं ने वोट भी मांगे थे. हालांकि, एक साथ रोड शो या प्रेस कांफ्रेंस से भी परहेज करते देखा गया था – अब वो सब पूरी तरह खुल कर सामने आ रहा है. सवाल है कि राहुल गांधी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को चुनाव के चलते निशाना बना रहे हैं, या फिर ये INDIA ब्लॉक की लड़ाई का साइड इफेक्ट है?
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