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    क्या है चाइनीज लोन ऐप मामला? जिसके कारण पेटीएम, रेजरपे के दफ्तरों पर पड़े छापे

  • September 04, 2022


    नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने 3 सितंबर को पेटीएम, रेजरेप और कैशफ्री के बेंगलुरु स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी का कहना है कि यह छापेमारी चाइनीज इंस्टेंट लोन ऐप के मामले में हुई थी. ईडी का कहना है कि छापेमारी की शुरुआत शुक्रवार को हुई थी. गौरतलब है कि इन तीनों कंपनियों का नियंत्रण या परिचालन मुख्य रूप से चीनी कंपनियों के हाथ में है.

    यह कार्रवाई बेंगलुरु पुलिस के द्वारा इंस्टेट लोन ऐप संबंधी 18 एफआईआर दर्ज करने के बाद की गई है. इन ऐप्स के जरिए लोन लेने वाले कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी हरकत में आई. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि छापेमारी में चीन के व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित इन कंपनियों के “मर्चेंट आईडी और बैंक खातों” में जमा 17 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.

    क्या है इन्सटेंट लोन ऐप का मामला?
    कोविड-19 के चरम के दौरान कई लोगों ने इन तुरंत लोन देने वाली ऐप्स के जरिए कर्ज लिया था. इनका परिचालन चीन में स्थित कंपनियां कर रही थीं. ये लोन काफी मंहगी ब्याज दरों पर मिल रहा था और ऐप्स को फोन में डाउनलोड करते ही फोन की सारी जानकारी कंपनियों के पास पहुंच जाती थी. इन निजी जानकारियों का इस्तेमाल कर्ज लेने वालों को धमकाने और उनसे अनुचित ब्याज लेने लिए किया जाता था. यही कारण था कई लोगों ने इन ऐप्स के जरिए लोन लेने के बाद आत्महत्या कर ली.


    पेटीएम व अन्य कंपनियों का क्या रोल?
    दरअसल, ईडी का कहना है कि इन कंपनियों के पास जो भारतीय नागरिकों के डॉक्यूमेंट्स होते हैं उनका इस्तेमाल कर उन्हें फर्जी निदेशक बनाया जाता है जबकि उन कंपनियों का परिचालन चीन में बैठे लोग कर रहे होते हैं. ईडी के अनुसार, जांच के दायरे में आई ये कंपनियां भुगतान सेवा कंपनियों और बैंकों से जुड़ी मर्चेंट आईडी या खातों का इस्तेमाल करके अपराध का धन जुटा रही थीं और इन कंपनियों ने जो पते दिए थे वह भी फर्जी हैं. ईडी इन मामलों की जांच पीएमएलए के तहत कर रही है.

    कंपनियों ने क्या कहा?
    इस संदर्भ में पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, “हम कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं. कुछ मर्चेंट उनकी जांच के दायरे में हैं, जिनके बारे में एजेंसियों ने हमसे जानकारी मांगी थी.” रेजरपे के प्रवक्ता ने कहा, “हमारे कुछ मर्चेंट की लगभग डेढ़ साल पहले कानून प्रवर्तन ने जांच की थी. इस बारे में चल रही जांच के सिलसिले में अधिकारियों ने हमसे अतिरिक्त जानकारी मांगी. हमने पूरा सहयोग किया और केवाईसी एवं अन्य विवरण उन्हें दे दिए.” वहीं, कैशफ्री पेमेंट्स ने कहा कि ईडी के अभियान में पूरा सहयोग दिया गया और जांच के दिन ही उन्हें आवश्यक जानकारी दी गई.

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