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    ऐसी कौन सी चीज है जिसे लेकर भारत की तारीफ कर रहा अमेरिका

  • March 25, 2022

    नई दिल्ली: सैन्य तकनीक (military technology) के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) सभी देशों से बहुत आगे है. लेक‍िन अमेर‍िका भारत से एक मामले में पीछे है. दरअसल, हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक की बात करें तो अमेरिका भारत से पीछे है. एक प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटर जैक रीड (US Senator Jack Reed) ने कहा कि हाइपरसोनिक मिसाइल (hypersonic missile) तकनीक में उनका देश रूस और चीन के अलावा भारत से भी पीछे है. जैक रीड अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष हैं.

    एक बैठक में उन्होंने कहा एक समय था जब तकनीक के मामले में अमेरिका का दबदबा हुआ करता था लेकिन अब ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए हाइपरसोनिक तकनीक को लें. अमेरिका इस मामले में चीन, भारत और रूस से पिछड़ गया है. इन देशों ने काफी प्रगति की है.” सीनेटर जैक रीड ने आगे कहा कि परमाणु हथियारों के मामले में अमेरिका पहली बार त्रिपक्षीय प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है. यह अब अमेरिका और रूस के बीच दोतरफा मुकाबला नहीं है. अब चीन भी इसमें शामिल हो गया है.


    चीन, भारत, रूस और अमेरिका सहित कई देश हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. पिछले साल अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के वाइस प्रेसिडेंट जनरल जॉन ई हाइटेन ने कहा था कि चीन किसी दिन अचानक अमेरिका पर परमाणु हमला कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि चीनी हाइपरसोनिक मिसाइल ने पूरी दुनिया का चक्कर लगाया है. अमेरिकी सीनेटर द्वारा उल्‍लख‍ित हाइपरसोनिक तकनीक को मिसाइलों के मामले में नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक माना जाता है. ध्वनि की गति से 5 गुना अधिक रफ्तार से चलने वाली मिसाइलों को हाइपरसोनिक कहा जाता है. इन मिसाइलों की गति 6500 किलोमीटर प्रति घंटे तक जाती है. गति और दिशा बदलने की उनकी क्षमता इतनी सटीक और शक्तिशाली है कि उन्हें ट्रैक करना और मारना लगभग असंभव है. वे अपने लक्ष्यों पर सटीक प्रहार करती हैं. हाल ही में रूस ने यूक्रेन युद्ध में अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल का इस्तेमाल किया है.

    भारत पिछले कुछ वर्षों से हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहा है. अमेरिकी संसद में पेश रिपोर्ट के मुताबिक, भारत हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में लगा हुआ है. भारत ऐसी मिसाइल बना रहा है, जो पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ परमाणु हथियारों से फायरिंग करने में सक्षम होगी. इस तरह की तकनीक का जून 2019 और सितंबर 2020 में भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है. इस परीक्षण के दौरान स्क्रैमजेट इंजन से लैस हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) की गति 7500 किमी प्रति घंटे मापी गई. अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 12 ऐसी हाइपरसोनिक विंड टनल बनाई हैं, जहां वह ध्वनि की गति से 13 गुना तेज गति से मिसाइलों का परीक्षण कर सकती है.

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