डेस्क: गाजा में इजरायल के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. UN और कई मानव अधिकार संगठन इजरायल पर सीजफायर के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं. लेकिन जंग के 126 दिन बीत जाने के बाद भी इजरायल की आक्रामकता कम नहीं हो रही है. इजरायल ने इस महीने की शुरुआत में ऐलान किया था कि वे गाजा के सुदूर दक्षिण में रफाह शहर पर आक्रमण करने की योजना बना रहा है.
यहां दस लाख से अधिक फिलिस्तीनियों ने शरण ली हुई है, ये सभी लोग पूरे गाजा से जान बचाने के लिए मिस्र की सीमा से लगे रफाह शहर आए हैं. इजरायल की इस योजना को लेकर यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति चीफ जोसेप बोरेल ने शुक्रवार को कहा कि इजरायल (IDF) की राफा पर सैन्य आक्रमण शुरू करने की योजना “खतरनाक” है.
1.4 मिलियन फ़िलिस्तीनियों में भूखमरी और हमलों का डर
यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति चीफ जोसेप ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा, “14 लाख फ़िलिस्तीनी इस समय रफाह में बिना किसी सुरक्षित जगह के भुखमरी का सामना कर रहे हैं. रफाह पर इज़रायली सैन्य हमले की खबरें चिंताजनक हैं. इसके विनाशकारी परिणाम होंगे और पहले से ही गंभीर मानवीय स्थिति और असहनीय आम नुकसान और भी बदतर हो जाएंगे.
सीजफायर पर नहीं बनी थी सहमति
हमास की ओर से पेश किए गए 135 दिन के सीजफायर प्लान पर सहमति न बनने के बाद इजरायल के प्रधामंत्री नेतन्याहू ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे रफाह से लोगों को निकालने और हमास की बटालियनों को नष्ट करने का प्लान कैबिनेट को सौंपे. नेतन्याहू के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया, “हमास को खत्म किए बिना और रफाह में मौजूद हमास बटालियन को हटाए बिना जंग के मकसद को हासिल करना नामुमकिन है. इसके साथ-साथ यह साफ है कि रफाह में तेजी से ऑपरेशन करने के लिए नागरिकों को युद्ध के क्षेत्र को खाली करना होगा.” आपको बता दें सिर्फ 365 स्कॉयर किमी क्षैत्रफल वाले गाज़ा का लगभग 70% इलाका इजरायल के हमलों के बाद रहने लायक नहीं बचा है. युद्ध से जान बचा के राफा में शरण लिए हुए दस लाख से अधिक फिलिस्तीनी, इजरायल के इस प्लान के बाद खतरे में आ गए हैं.
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