रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) को उनके पद से हटाया जा सकता है. खबरों के मुताबिक, भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव (TS Singh Deo) के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. दोनों की मुलाकात कांग्रेस (Congress) आलाकमान से हो चुकी है. हालांकि भूपेश बघेल ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की खबरों को खारिज कर दिया.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में किए गए बड़े बदलाव
इस बीच पार्टी आलाकमान ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस यूनिट में बड़े बदलाव किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 4 उपाध्यक्षों और 3 महासचिवों को बदल दिया गया है. पीआर खुंटे, अंबिका मरकाम, अरुण सिंघानिया और वाणी राव को उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा अमरजीत चावला, वासुदेव और सुमित्रा धृतलहरे को महासचिव नियुक्त किया गया है.
पार्टी आलाकमान से मिलने की मांग पर अड़े विधायक
सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के करीब 30 विधायक देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पार्टी हाईकमान से मिलने के लिए पहुंच चुके हैं. हालांकि पार्टी आलाकमान ने उनसे मिलने से मना कर दिया है. विधायक कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
राजनीतिक उठापटक पर क्या बोले सीएम भूपेश बघेल?
इस मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ रहेगा, इसे पंजाब बनने नहीं देंगे. जो विधायक दिल्ली गए हैं वो वापस भी आ जाएंगे. मीडिया बेवजह इस मुद्दे को तूल दे रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को भारी जीत मिली थी. कांग्रेस ने 90 में 67 सीट जीती थीं. तब सीएम बनने के लिए दो दावेदार भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव थे. दोनों को ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने का फॉर्मूला तय किया गया था. भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बने हुए ढाई साल से ज्यादा हो चुके हैं.
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