नई दिल्ली। यह तो आप जानते ही हैं कि कोरोना वायरस (Corona Virus) के विश्वव्यापी संक्रमण के चलते कई देशों में बाहरी देशों से आने वाले यात्रियों (International Passengers) को लेकर कई किस्म के प्रतिबंध जारी हैं। जहां प्रतिबंध कम हैं या खुल चुके हैं, वहां टेस्टिंग (Corona Test) और क्वारंटाइन संबंधी कई किस्म के नियम (Quarantine Rules) लागू हैं। कुछ देशों ने कुछ खास देशों के लोगों के हवाई मार्ग से आने जाने पर पाबंदी लगाई हुई है। इन हालात के मद्देनज़र अंतर्राष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ‘कोविड पासपोर्ट’ लॉंच करने का कदम उठाने पर विचार कर रहा है।
दुनिया भर के यात्रियों की टेस्टिंग सुचारू ढंग से हो सके, इसके लिए IATA ने जो प्रस्ताव रखा है, उसके हिसाब से मौजूदा क्वारंटाइन नियमों का आसान विकल्प मिल सकेगा और यात्रियों को असुविधा कम होगी। यात्रियों की सहूलियत के लिए दुनिया भर में ‘मान्य’ होने वाले ‘कोविड पासपोर्ट’ के बारे में तमाम फैक्ट्स जानिए।
किस तरह का होगा यह कोविड पासपोर्ट?
ग्लोबल एयरलाइन लॉबी एक खास किस्म के मोबाइल फोन एप पर काम कर रही है, जो दुनिया भर में डिजिटल पासपोर्ट की तरह समझा जा सकेगा। इस एप में यात्री के कोविड 19 टेस्ट, टीकाकरण प्रमाण पत्र जैसी जानकारियां दर्ज रहेंगी, जिससे यात्री को हवाई यात्रा के दौरान दिक्कत न के बराबर होगी। यही नहीं, इसी डिजिटल पासपोर्ट में यात्री के वास्तविक पासपोर्ट की ई कॉपी भी अपलोड होगी, जिससे उसकी पहचान हो सकेगी।
दस्तावेज़ों के वैरिफिकेशन के लिए लिए एप IATA के टाइमैटिक सिस्टम Timatic system पर ही आधारित होगा। यह सिस्टम पुष्टि करता है कि यात्री बॉर्डर नियंत्रण नियमों का पालन करता रहा है। इसके अलावा, यह सिस्टम यात्री के गंतव्य, ट्रांज़िट पॉइंट, राष्ट्रीयता, यात्रा संबंधी दस्तावेज़, निवास आदि के बारे में पर्सनलाइज़्ड जानकारी भी देता है।
कब तक लॉंच होगा एप?
एक खास बात और खबरों में कही गई है कि IATA के मुताबिक यह मोबाइल एप डेटा स्टोर नहीं करेगा, बल्कि ब्लॉक चेन तकनीक पर आधारित होगा। 2021 की पहली तिमाही में इस एप को एपल डिवाइसों के लिए लॉंच किया जाएगा। इसके बाद यह एंड्राइड के लिए लॉंच होगा, लेकिन अभी वह समय नहीं बताया गया है। दूसरी तरफ, IATA ने सभी देशों से एविएशन स्टाफ और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने की बात कही है, जैसे ही वैक्सीन उपलब्ध हो।
और भी कुछ एप्स कैसे हैं?
डिजिटल पासपोर्ट संबंधी एप को लेकर IATA अभी प्लानिंग स्टेज में है, तो दूसरी तरफ वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम और कॉमन्स प्रोजेक्ट फाउंडेशन जैसी संस्थाएं लंदन से न्यूयॉर्क के बीच उड़ानों में ‘कॉमनपास’ एप को डेवलप करने के बाद टेस्ट कर चुकी हैं। यही नहीं, यात्रा सिक्योरिटी कंपनी इंटरनेशनल SOS का एप AOKpass अबू धाबी और पाकिस्तान के बीच इस्तेमाल हो रहा है।
क्यों लॉंच किए जा रहे हैं ये एप?
सालाना मीटिंग में IATA ने यह भी बताया कि साल 2020 में एयरलाइन उद्योग को 118.5 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है और 2021 में और 38.7 अरब डॉलर का नुकसान होने के अनुमान हैं. वहीं, 2019 के स्तर से देखा जाए तो अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा 90 फीसदी तक सिकुड़ चुकी है। अर्थव्यवस्था को जो झटके कोविड 19 के कारण लगे हैं, उनके चलते एविएशन में 1.8 ट्रिलियन डॉलर तक की कमी आएगी।
इसके अलावा, दुनिया भर में एविएशन उद्योग से लाखों नौकरियां भी खत्म हुई हैं, जिससे दुनिया के कई देशों को उबरने में लंबा वक्त लगने के कयास हैं। इसके मद्देनज़र एविएशन उद्योग को दोबारा जल्द से जल्द खड़े किए जाने की कोशिशें जारी हैं।
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