नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने गुरुवार को डेल्टाक्रॉन (Deltacron) के बारे में कई बड़ी बाते कहीं। संगठन ने कहा कि डेल्टाक्रॉन का अर्थ है कि एक व्यक्ति जो कि डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) से संक्रमित हो और साथ ही वह ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variants) से भी संक्रमित हो।
डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक यह एक चीज नहीं है. इस शब्द का प्रयोग पहली बार कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Corona New Variant) के सामने आने के बाद कथित तौर पर साइप्रस के एक शोधकर्ता लियोजिओस कोस्त्रिकस के द्वारा किया गया था जो कि दोनो वेरिएंट को एक साथ जोड़ता है. ब्लूमवर्ग के अनुसार देश में इस समय डेल्टाक्रॉन के 25 मामलों का पता चला है।
कोविड-29 के डब्ल्यूएचओ के तकनीकी प्रमुख डॉ. मारिया वान केरखोव ने कहा कि डेल्टाक्रॉन वायरस के सिक्वेंसिंग प्रक्रिया के दौरान होने वाले केंटेमिनेशन का परिणाम हो सकता है। हालांकि इसके बारे में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि SARS-CoV-2 के एक अलग वेरिएंट से व्यक्ति का संक्रमित होना संभव है या नहीं. केरखोव ने कहा कि हाल ही एक ऐसा उदाहरण मिला है जिसमें एक व्यक्ति इन्फ्लूएंजा और कोविड-29 दोनों से संक्रमित था।
उन्होंने कहा कि हाल ही के कुछ परीक्षण में यह भी देखा गया है कि लोगों को ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है. केरखोव ने कहा कि जैसे जैसे समय आगे बढ़ता है इस पर ध्यान देने की जरूरत कि यह किस तरह से रिएक्ट करता है क्योंकि बाद में यह फैलना शुरू कर सकता है. उन्होंने कहा कि जैसे जैसे फ्लू फैलता है दुनिया में इन्फ्लूएंजा की संख्या भी बढ़ती देखी जा रही है।
कोविड -19 या इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने से बचने के लिए, डब्ल्यूएचओ के तकनीकी नेतृत्व ने दोनों के लिए जोखिम को कम करने की सिफारिश की और साथ ही उन लोगों से आग्रह किया जो लोग फ्लू के टीके लगवाने के पात्र हों वह आवश्यक रूप से टीके लगवाएं. दूसरी तरफ डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य आपात स्थिति कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक माइक रयान ने कहा कि SARS-CoV-2 और इन्फ्लूएंजा दोनों से एक साथ संक्रमित होने से ज्यादा गंभीर मामला नहीं होना चाहिए।
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