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    संदेशखाली मामला: भाजपा के सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘मेरे साथ जो हुआ, वह लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं’

  • February 23, 2024

    कोलकाता (Kolkata)। पश्चिम बंगाल कां संदेशखाली (Sandeshkhali of West Bengal) इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है। इस बीच बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार (Sukant Majumdar) ने एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमने राज्यपाल सीवी आनंद बोस (CV Anand Bose) को पूरी घटना का ब्यौरा दिया है। उन्हें बताया है कि संदेशखाली में क्या हो रहा है। मैं उन्हें अपनी आपबीती सुनाई, जिसे सुनकर गवर्नर साहब भी हैरत में पड़ गए कि ऐसा कैसे हो सकता है। मेरे और मेरे नेताओं के साथ पुलिस द्वारा किया गया व्यवहार बहुत दुखद है। ऐसा लोकतंत्र में नहीं हो सकता।

    गौरतलब है कि हाल में ही मजूमदार ने संदेशखाली मे टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दिया था। यहां से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। संदेशखाली में उनके विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन पर कार्रवाई की थी।



    टीएमसी पर आरोप
    क्षेत्र में लगे धारा 144 को लेकर मजूमदार ने टीएमसी सरकार पर हमला किया। मजूमदार ने कहा कि धारा 144 सिर्फ भाजपा नेताओं के लिए लगा हुआ है क्योंकि टीएमसी के एमएलए 50 लोगों को लेकर घूम रहे हैं। टीएमसी नेताओं के लिए 144 नहीं है। 144 लागू होने के बाद भी भेदभाव किया जा रहा है। धारा 144 सिर्फ भाजपा नेताओं, भाजपा विधायकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए है। दूसरे दलों खासकर टीएमसी के लिए धारा 144 नहीं लगा है। सीपीएम को भी संदेशखाली में जाने दिया गया। उनके साथ भी कई वामपंथी नेता थे।

    कौन है शाहजहां शेख
    एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शाहजहां शेख (42 वर्षीय) को ‘भाई’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बांग्लादेश सीमा के पास उत्तर 24 परगना के संदेशखली ब्लॉक में मत्स्य पालन में एक छोटे से श्रमिक के रूप में शुरुआत की थी। वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उन्होंने संदेशखली में मत्स्य पालन और ईंट भट्टों में एक श्रमिक के काम की शुरुआत की थी। 2004 में शेख ने ईंट भट्टों के यूनियन नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। बाद में वह अपनी राजनीतिक मौजूदगी बनाए रखते हुए स्थानीय माकपा इकाई में शामिल हो गए।

    जोशीले भाषणों और संगठनात्मक कौशल के लिए पहचाने जाने वाले शेख ने 2012 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर खींचा। तब से सत्ता के गलियों में शेख का कद बढ़ा है। 2018 में शेख ने सरबेरिया अग्रहटी ग्राम पंचायत के उप प्रमुख के रूप में प्रसिद्धि हासिल की। शेख को उत्तर 24 परगना के लिए ‘मत्सा कर्माध्यक्ष’ (मत्स्य पालन के प्रभारी) के रूप में जाना जाता है, जिले के मत्स्य विकास की देखरेख करते हैं। जो राजनीतिक और आर्थिक दोनों क्षेत्रों में उनकी प्रभावशाली स्थिति को दिखाता है।

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