नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम तेजी से किया जा रहा है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की डोज़ लोगों को दी जा रही है। वैक्सीनेशन के अभियान के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को एक चिट्ठी लिखी गई है। इसमें अपील की गई है कि मौजूदा नेशनल ड्रग पॉलिसी में कुछ बदलाव किया जाए और कोविड से अलग वैक्सीन को बनाने और उसे स्टोर करने की मंजूरी दी जाए।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रकाश कुमार सिंह (डायरेक्टर ऑफ गवर्नर एंड रेगुलेटरी अफेयर्स) ने प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि 18 मई 2020 को स्वास्थ्य मंत्रालय के एक आदेश में कोविड-19 से जुड़ी वैक्सीन को क्लीनिकल ट्रायल के दौरान बनाने और स्टोर करने की इजाजत दी गई थी। इस आदेश की वजह से कोविड-19 की वैक्सीन कम वक्त में अधिक संख्या में बनाया जा सका और लोगों की जान बचाई जा चुकी है।
सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से की गई ये खास अपील…
अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से अपील की गई है कि इसी तरह का आदेश गैर-कोरोना वैक्सीन के लिए भी जारी होना चाहिए। इसके अलावा अपील की गई है कि क्लीनिकल ट्रायल के दौरान जिन वैक्सीन (कोविड, गैर-कोविड) का निर्माण हुआ है उनका इस्तेमाल भी बिक्री के लिए किया जा सके।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखा गया है कि 11 मई, 2020 को स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अगुवाई में एक कमेटी का गठन हुआ था। जिसमें ड्रग रेगुलेटरी सिस्टम में बदलाव और रिफॉर्म के लिए सुझाव तैयार किए गए थे, ऐसे में अब जब ये सुझाव दिए जा चुके हैं तब इन्हें लागू करने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।
सीरम इंस्टीट्यूट का कहना है कि एक बार ये सुझाव लागू कर दिए जाते हैं, तो उससे भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता को और भी बढ़ाया जा सकता है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। भारत की ओर से दुनियाभर में वैक्सीन को भेजा जा रहा है, जिसमें सबसे अधिक डिमांड सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड की है।
इसके अलावा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भी बड़े स्तर पर भेजा जा रहा है। भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का काम 16 जनवरी से शुरू हुआ था, अब 1 मार्च से इसका दूसरा फेज़ शुरू हुआ है। भारत में अबतक करीब पौने दो करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। अब भारत में सरकारी सेंटर्स के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी वैक्सीन मिल रही है।
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