नई दिल्ली। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। युवा आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि चार साल की नौकरी के बाद वे बेरोजगार हो जाएंगे। उनकी मांग है कि सरकार अग्निपथ योजना को रद्द करके पुराने नियम के तहत भर्ती शुरू करे।
इस बीच केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले कई विभागों ने अग्निवीरों को नौकरी में वरीयता और आरक्षण देने का भी एलान कर दिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों ने भी पुलिस भर्ती व अन्य सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने का एलान किया। इसके बावजूद अग्निपथ योजना का विरोध जारी है।
ऐसे में हमने सेना से रिटायर होने वाले पूर्व सैनिकों को लेकर कुछ आंकड़े जुटाए। इससे यह पता करने की कोशिश की कि क्या सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद जवानों के पास रोजगार का क्या विकल्प बचता है? सरकार पूर्व सैनिकों के रोजगार और स्वरोजगार के लिए क्या-क्या करती है?
देश में कितने पूर्व सैनिक?
देश में इस वक्त करीब 26 लाख पूर्व सैनिक हैं। इनमें करीब 23 लाख आर्मी, 2.24 लाख एयरफोर्स और 1.33 लाख नेवी से सेवानिवृत्त हैं। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने सेना पूर्व सैनिकों के बारे में जानकारी दी थी। इसके मुताबिक, सबसे ज्यादा 3.81 लाख पूर्व सैनिक उत्तर प्रदेश में रहते हैं। इसके बाद पंजाब में 3.08 लाख, हरियाणा में 2.90 लाख, राजस्थान में 1.91 लाख और केरल में 1.77 लाख पूर्व सैनिक रहते हैं।
केंद्र सरकार ने कितने पूर्व सैनिकों को नौकरी दी?
30 जून 2019 के आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार के अधीन अलग-अलग विभागों में नौकरी के लिए कुल डेढ़ लाख पूर्व सैनिकों ने आवेदन किया था। इनमें 68502 को ग्रुप ए, बी, सी और डी के अंतर्गत सेंट्रल आर्म्ड फोर्स, बैंक, पीएसयू, केंद्र सरकार के विभागों में नौकरी मिली।
राज्य सरकारों ने कितने पूर्व सैनिकों को नौकरी दी?
देश के अलग-अलग राज्य और केंद्र शासित राज्यों में 2019 तक 5.69 लाख पूर्व सैनिकों ने नौकरी के लिए आवेदन किया था। इनमें सिर्फ 14165 पूर्व सैनिकों को ही नौकरी मिल पाई। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नौकरी के लिए आवेदन करने वाले पूर्व सैनिकों में 2382 को अलग-अलग राज्य सरकारों ने नौकरी दी। 2952 पूर्व सैनिकों को राज्य सरकार के अधीन संचालित होने वाली पीएसयू, 2303 को बैंक, 1755 को लोकल बॉडी मतलब नगर निगम, नगर पालिका में नौकरी मिली। इनके अलावा 4441 पूर्व सैनिकों को प्राइवेट सेक्टर में जॉब मिली।
क्या पूर्व सैनिकों को मिलता है आरक्षण?
हां, पूर्व सैनिकों को केंद्र सरकार के अलग-अलग विभागों की नौकरियों में आरक्षण भी मिलता है।
पैरामिलिट्री फोर्स में असिस्टेंट कमांडर स्तर पर 10 प्रतिशत सीधी भर्ती पूर्व सैनिकों की होती है।
ग्रुप सी में 10 प्रतिशत सीधी भर्ती पूर्व सैनिकों की होती है।
ग्रुप डी में भी पूर्व सैनिकों की 20 प्रतिशत सीधी भर्ती होती है।
इसके अलावा पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज में भी पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ मिलता है। इसके मुताबिक, ग्रुप सी के पदों पर 14.5 फीसदी और ग्रुप डी के पदों पर 24.5 प्रतिशत आरक्षण मिलता है।
राष्ट्रीय बैंकों की नौकरियों में भी पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण तय है। इसके मुताबिक, बैंक के ग्रुप सी पदों पर 14.5 प्रतिशत और ग्रुप डी के पदों पर 24.5 फीसदी आरक्षण तय है।
डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्प में 100 प्रतिशत आरक्षण लागू है।
स्वरोजगार के लिए केंद्र सरकार क्या करती है?
रिटेल पंप के आवंटन में पूर्व सैनिकों को वरीयता।
सीएनजी स्टेशन का प्रबंधन।
एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटरशिप।
सिक्योरिटी एजेंसी।
भूतपूर्व सैनिक कोयला खदान और परिवहन योजना।
मदर डेयरी मिल्क बूथ और सरकारी सब्जी एवं फल दुकानों के आवंटन में वरीयता।
पेट्रोल-डीजल पंप के आवंटन में वरीयता।
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